EVM पर सर्वदलीय बैठक शुरू, चुनाव आयोग दे सकता है हैक करने का चैलेंज
ईवीएम पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच तमाम राजनीतिक दलों के साथ आज चुनाव आयोग की अहम बैठक
नई दिल्ली। ईवीएम पर खड़े हो रहे सवालों के बीच आज तमाम राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग बैठक करेगा, इस दौरान सभी दल अपने सवालों और दुविधा को आयोग के सामने रखेंगे। चुनाव आयोग ने यह बैठक उन तमाम सवालों को खत्म करने के लिए बुलाई है ताकि सभी तरह के संशय को खत्म किया सके। जिस तरह से तमाम दल भाजपा पर ईवीएम मशीन के साथ छेड़खानी का आरोप लगा रहे हैं उसे देखते हुए चुनाव आयोग के सामने यह बड़ी चुनौती है कि इन तमाम आरोपों पर अपनी सफाई दे।
13 दल कर चुके हैं शिकायत
चुनाव आयोग की इस बैठक के दौरान तमाम दलों को मौका दिया जाएगा कि वह ईवीएम मशीनों को हैक करके दिखाएं। जिस तरह से यूपी और पंजाब और दिल्ली के निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद बसपा और आप ने ईवीएम मशीन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है, उसके बाद 13 दलों ने चुनाव आयोग को इस मामले में अपनी चिंता जाहिर करते हुए ईवीएम की चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने को कहा था। तमाम दलों ने एक बार फिर से बैलेट के जरिए चुनाव कराने की मांग की थी।
90 सेकंड में हैक की जा सकती है ईवीएम
आयोग के साथ आज होने वाली बैठक से ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को आयोग के सामने मांग रखी थी उन्हें मौका दिया जाए कि वह साबित कर सके कि कैसे ईवीएम मशीनों का प्रयोग एक विशेष दल को लाभ देने के लिए किया गया। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने जोकि आईटी इंजीनियर भी हैं ने दिल्ली विधानसभा में एक डमी ईवीएम मशीन को हैक करके भी दिखाया था, उन्होंने दावा किया था कि महज 90 सेकंड में ईवीएम के मदरबोर्ड को बदलकर उसे हैक किया जा सकता है और जिस भी दल को चाहे जिताया जा सकता है।
कैबिनेट में पास किया बजट
एक तरफ जहां तमाम दल ईवीएम मशीनों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इन सवालों के बीच मोदी सरकार ने चुनाव आयोग की उस मांग को भी स्वीकार कर लिया था जिसमें ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपीएटी मशीनों को लगाने के लिए बजट की मांग की गई थी। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए चुनाव आयोग की मांग को मोदी सरका की कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने 1615000 वीवीपीएटी मशीनों को ईवीएम के साथ लगाने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए 3173.47 करोड़ रुपए का बजट को भी पास कर दिया गया है, वीवीपीएटी लगी ईवीएम मशीन का प्रयोग 2019 के लोकसभा चुनाव में किया जाएगा।
घूस देने पर 5 साल की हो सजा
इन सबके अलावा आयोग चुनाव प्रक्रिया के दौरान घूस देने को अपराध घोषित करने की भी घोषणा कर सकता है। आयोग ने इस बात की संस्तुति दी है कि घूस की पेशकश करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान हो। इसके साथ ही चुनाव अधिकारियों को घूस की पेशकश करने वालों की दावेदारी को रद्द किए जाने की भी बात की जाएगी। अभी तक के नियम के अनुसार सेक्शन 8, आरपी एक्ट 1951 के तहत अपराध के साबित होने पर उम्मीदवार की दावेदारी रद्द किए जाने का प्रावधान है।
कैश के लेनदेन पर होगी चर्चा
लेकिन चुनाव आयोग चाहता है कि आरोप कोर्ट में साबित होने से पहले ही उम्मीदवार का नामांकन रद्द किया जाए। आयोग चाहता है कि आरोपी को पांच साल की सजा हो। इन तमाम सुझावों पर आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगा। इसके अलावा चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए आयोग चाहता है कि कैश में डोनेशन देने की अधिकतम सीमा 20 करोड़ या फिर कुल डोनेशन का 20 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।