चुनाव आयोग ने 255 दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया
चुनाव आयोग ने 255 पार्टियों की मान्यता को रद्द किया, इन दलों में कई ऐसे पते पर रजिस्टर हैं जोकि मौजूदा समय पर किसी और के नाम पर हैं।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग अब उन तमाम राजनीतिक दलों की मान्यता को रद्द करने जा रही है जो सिर्फ कागजों पर मौजूद हैं और जिन्होंने चुनाव में लंबे समय से कोई हिस्सेदारी नहीं दिखाई है।
नहीं
खड़ा
किया
कोई
भी
उम्मीदवार
द
ग्रेट
इंडिया
रिवोल्यूशनर्स,
रूप
नगर,
नई
दिल्ली,
लाइफ
पीसफुल
पार्टी,
तुमकुर,
कर्नाटक,
मिनिस्टेरियल
सिस्टम
एबॉलिशन
पार्टी,
कोलकाता,
भारतीय
संतजी
पार्टी,
नागपुर,
ऐसी
तमाम
पार्टियां
चुनाव
आयोग
में
रजिस्टर
हैं
जिनका
चुनाव
से
कोई
लेना
देना
नहीं
है।
इस
तरह
की
कुल
255
पार्टियों
की
मान्यता
को
चुनाव
आयोग
रद्द
करने
पर
विचार
कर
रहा
है।
इन
पार्टियों
ने
2005
से
205
तक
विधानसभा
या
लोकसभा
चुनाव
में
अपना
कोई
भी
उम्मीदवार
नहीं
खड़ा
किया।
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
अखिलेश
यादव
का
तोहफा
गृहमंत्री
के
पते
पर
रजिस्टर
पार्टी
यहां
दिलचस्प
बात
यह
है
कि
ऑल
इंडिया
प्रोग्रेसिव
जनता
दल
का
रजिस्टर्ड
पता
17,
अकबर
रोड
नई
दिल्ली
है
जोकि
मौजूदा
समय
में
गृहमंत्री
राजनाथ
सिंह
का
पता
है।
इन
पार्टियों
की
लिस्ट
को
चुनाव
आयोग
ने
सीबीडीटी
को
भेजा
है
और
इस
मामले
में
उचित
कार्रवाई
करने
को
कहा
है।
इन
पार्टियों
पर
किसी
भी
तरह
का
टैक्स
बकाया
है
या
नहीं
इसपर
भी
रिपोर्ट
मांगी
गई
है।
सबसे
अधिक
इस
तरह
के
दल
दिल्ली
में
हैं,
अकेले
दिल्ली
में
52
दल
हैं
जिनकी
मान्यता
को
रद्द
किया
जाएगा,
जबकि
यूपी
में
41
दल,
महाराष्ट्र
में
24
व
तमिलनाडु
में
39
दल
हैं।
अहम
पते
पर
पार्टी
का
रजिस्ट्रेशन
गुड़गांव
के
तीन
मंजिला
घर
में
चल
रही
राष्ट्रीय
मात्रभूमि
पार्टी
जिसमें
कुल
नौ
सदस्य
थे,
जिसे
पांच
साल
पहले
रजिस्टर
कराया
गया
था।
इस
दल
में
होम्योपैथी
के
डॉक्टर
भी
हैं,
लेकिन
फंड
की
कमी
चलते
यह
पार्टी
चल
नहीं
पाई।
जिस
पार्टी
को
अकबर
रोड
के
पते
पर
रजिस्टर
कराया
गया
है
उसकी
कोई
जानकारी
नहीं
मिल
सकी
है।
दूसरा
दल
पवित्र
हिंदुस्तान
कजगम,
जोकि
11
हरीशचंद्र
माथुर
लेन,
नई
दिल्ली
के
पते
पर
रजिस्टर
है
वह
जम्मू-कश्मीर
के
सीआईडी
का
पता
है।
ऐसे
में
चुनाव
आयोग
के
सामने
बड़ी
चुनौती
है
कि
कैसे
इन
पार्टियों
को
रद्द
किया
जाए
जो
सिर्फ
कागजों
पर
अस्तित्व
में
है।
राहुल
का
सवाल,
मोदी
जी
सहारा
से
दस
पैकेटों
में
क्या
लिया
था?
कुछ
ऐसा
ही
माजरा
राष्ट्रीय
मानव
कल्याण
संघ
पार्टी
का
भी
है,
यह
पार्टी
जिस
पते
पर
रजिस्टर
है
वहां
डीडीए
के
कर्मचारी
पिछले
दस
सालों
से
रह
रहे
हैं,
पिछले
साल
हमें
इस
पार्टी
क
नाम
से
चुनाव
आयोग
का
एक
पत्र
मिला
था,
लेकिन
लंबे
समय
तक
पोस्ट
ऑफिस
को
समझाने
के
बाद
अब
इस
पते
पर
पत्र
आना
बंद
हो
गए
हैं।
चुनाव
आयोग
के
आंकड़े
अभी
तक
चुनाव
आयोग
ने
ऐसी
कुल
255
पार्टियों
का
नाम
लिस्ट
से
काट
दिया
है,
सूत्रों
की
मानें
तो
आयोग
ने
सीबीडीटी
को
निर्देश
दिए
हैं
कि
इन
पार्टियों
पर
नजर
रखी
जाए
कि
यह
कालाधन
को
सफेद
करने
में
तो
नहीं
जुटी
हैं।
आयोग
के
आंकड़ो
के
मुताबिक
मौजूदा
समय
में
7
राष्ट्रीय
पार्टियां
है,
जबकि
58
राज्य
की
पार्टी
व
1786
ऐसे
दल
हैं
जिनकी
कोई
पहचान
नहीं
है।