EC bars 'Pappu': 'पप्पू' के इस्तेमाल पर लगी रोक तो परेश रावल को सूझी मसखरी, लोगों के कहा PD लिख दो...
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान 'पप्पू' शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है क्योंकि हाल ही में भाजपा ने अपने एड में इस शब्द का प्रयोग करके राहुल गांधी पर निशाना साधा था। चुनाव आयोग ने इसे मर्यादा के खिलाफ बताया और इस शब्द को विज्ञापन से हटाने के लिए बोला है। हालांकि चुनाव आयोग ने तो अपना आदेश चुनाव के विज्ञापन के लिए दिया है लेकिन कोई भी किसी को पर्सनल टिप्पणी से तो रोक नहीं सकता है। ईसी के इस आदेश पर मशहूर फिल्म अभिनेता और भाजपा नेता परेश रावल को मसखरी सूझी और उनके अंदर फिल्म हेरा-फेरी वाले गणपत राव का भूत जाग गया, उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि 'प.पु.राहुल भाई ...। बस रावल ने ट्वीट किया और लोगों की मौज आ गई, लोगों ने अपने-अपने दिमाग के हिसाब से अब पप्पू शब्द की व्य़ाख्या करनी शुरू कर दी। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर पप्पू पुराण पढ़ा जाने लगा, जिसमें एक ही शब्द को कई तरह से व्याखित किया गया था।
कुछ लोगों ने लिखा कि परम पूज्यनीय राहुल भाई उर्फ पप्पू। तो किसी ने लिखा कि पपू की जगह आप पीडी लिख सकते हैं क्या। एक यूजर ने लिखा, 'आज पपू पास हो गया।' तो किसी ने लिखा, 'आप पप्पू पप्पू कह कर राहुल गांधी के पीछे क्यों पड़े हैं, अगर विकास नहीं करेंगे तो जनता पप्पू बना देगी।'
मीडिया कमेटी
मालूम हो कि ईसी के आदेश के बारे में बात करते हुए भाजपा के एक वरिष्ट नेता ने कहा है कि मीडिया कमेटी ने 'पप्पू' शब्द का राहुल गांधी के लिए इस्तेमाल किया जाना अपमानजनक बताते हुए उसे हटाने का आदेश दिया था। आपको बता दें कि किसी भी विज्ञापन की स्क्रिप्ट को विज्ञापन बनाने से पहले निर्वाचन आयोग की मीडिया कमेटी को दिखाना होता है और उसकी मंजूरी ली जाती है।
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