भूकंप: जानिए भारत-नेपाल कैसे हुए प्रकृति के शिकार
बेंगलुरु। नेपाल में भूकंप आया और पाकिस्तान से लेकर भारत और बांग्लादेश तक जमीन हिल गई। जरा सोचिये कि आखिर भारत और नेपाल प्रकृति के शिकार कैसे हुए? और दोबारा भूकंप आने की अफवाहों पर क्या विश्वास किया जाना चाहिये? इन सवालों के जवाब भूगर्भशास्त्री प्रो. ध्रुव सेन सिंह ने वनइंडिया से खास बातचीत में दिये। [भूकंप से जुड़े 10 रहस्य]
भूकंप अपडेट- नेपाल में भूकंप आया, जिसकी रिक्टेयर पैमाने पर तीव्रता 7.5 थी। और भूकंप का केंद्र पोखारा था। लखनऊ विश्वविद्यालय के एडवांस रिसर्च इन जियोलॉजी के भूगर्भशास्त्री डा. ध्रुव सेन सिंह ने फोन पर बातचीत में बताया कि पृथ्वी में लगातार परिवर्तन होते रहते हैं और उसी के चलते पृथ्वी के अंदर ऊर्जा एकत्र होती रहती है। यह ऊर्जा जब बहुत अधिक हो जाती है, तो उसे निकलने की जगह चाहिये होती है। ऐसे में जहां भी उसे कमजोर स्थान मिलता है, उसी ओर ऊर्जा का प्रवाह हो जाता है। इस भूकंप में यह स्थान नेपाल था।
भारत में क्यों आये झटके?
भरत में झटकों का भौगोलिक कारण यह है कि भारत-नेपाल दोनों एक ही टेक्टॉनिक पर मौजूद हैं। टेक्टॉनिक पृथ्वी के अंदर विशाल प्लेट होती है। यही कारण है कि भारत में सबसे ज्यादा झटके महसूस किये गये।
अफवाहों पर क्यों न करें विश्वास
Whatsapp पर मैसेज आया शाम पांच बजे को आयेगा भुकंप, सतर्क रहें! यह सुनकर प्रो. ध्रुवसेन हंस पड़े और बोले, ऐसा कुछ नहीं है। भुकंप कब आयेगा, इसका निश्चित समय कोई नहीं बता सकता है। हां 7.5 तीव्रता वाले भूकंप के बाद ट्रीमर्स यानी बाद के हलके झटके आते ही हैं, लेकिन वो भी बहुत देर तक नहीं आते। ये ट्रीमर तभी तक आते हैं, जब तक पृथ्वी के अंदर की अतिरिक्त ऊर्जा पूरी तरह बाहर नहीं निकल जाती।
डा. सिंह ने कहा, "अगर कोई यह कह रहा है कि पांच बजे भूकंप आयेगा, तो वो महज अफवाह है, जो पैनिक क्रिएट करने के लिये उड़ाई गई है।"