IRCTC: इंटरनेशनल डेबिट, क्रेडिट से बुकिंग से पहले पढ़ें ये टिप्स
नई दिल्ली। जैसा कि आपको मालूम होगा कि भारतीय रेल ने अब सभी इंटरनेशनल डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड को भी स्वीकार करने का ऐलान कर दिया है। वर्तमान में, केवल अमेरिकन एक्सप्रेस इंटरनेशनल क्रेडिट कार्डों को आईआरसीटीसी पोर्टल पर अमेरिकन एक्सप्रेस (एएमईएक्स) पेमेंट गेटवे के द्वारा स्वीकार किया जाता है। फिलहाल अन्य अंतर्राष्ट्रीय कार्डों को अदायगी के लिए स्वीकार नहीं किया जाता है।
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आईआरसीटीसी अब आईआरसीटीसी वेबसाइट के जरिए ई टिकटों की बुकिंग के लिए भारत से बाहर भी जारी अन्य इंटरनेशनल क्रेडिट/डेबिट कार्डों की अनुमति देगा। इन इंटरनेशनल क्रेडिट/डेबिट कार्डों का उपयोग मेसर्स एटम टेक्नालॉजीज द्वारा मुहैया पेमेंट गेटवे के जरिए अदायगी के लिए किया जाएगा। यदि आप इंटरनेशनल कार्ड से बुकिंग करने जा रहे हैा तो इन बातों को ध्यान से पढ़ें-
टिकट बुकिंग की शर्तें:
- इंटरनेशनल क्रेडिट/डेबिट कार्डों के जरिए किए गए प्रत्येक लेन देन के लिए लेनदेन के मूल्य (जहां तक व्यावहार्य हो, करों समेत) का चार प्रतिशत वसूला जाएगा।
- अदायगी का यह विकल्प तभी उपलब्ध होगा जब टिकट की बुकिंग यात्रा की तारीख से कम से कम दो दिन पूर्व की जाएगी।
- अदायगी का यह विकल्प 'तत्काल' या 'प्रीमियम तत्काल' कोटा टिकटों की बुकिंग के लिए उपलब्ध नहीं होगा।
- अदायगी का यह विकल्प 'प्रीमियम रेलगाडि़यों' में टिकटों की बुकिंग के लिए उपलब्ध नहीं है।
इंटरनेशनल कार्ड से बुकिंग की प्रक्रिया :
- सबसे पहले प्लान माई ट्रेवल में जाकर अपना विवरण भर दें, उसके बाद पेमेंट पर क्लिक करें।
- पेमेंट पेज पर 'पेमेंट गेटवे/क्रेडिट कार्ड' वर्ग के तहत उपस्थित पेमेंट विकल्प 'इंटरनेशनल कार्डस पावर्ड बाई एटम' को सेलेक्ट करें।
- गेटवे पेज पर अदायगी के लिए सभी अनिवार्य विवरण जैसे कार्ड नंबर, नाम, एक्सपाइरी, सीवीवी, बैंक का नाम, मोबाइल नंबर, ई मेल एवं पता - बताएं।
- सभी विवरण देने के बाद टिकट बुक हो जाएगा अगर बैंक/पेमेंट गेटवे से सफल पेमेंट रेसपांस प्राप्त होता है।
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इससे क्या लाभ मिलेगा और किसे:
इससे सबसे ज्यादा लाभ अलग-अलग देशों से आने वाले अप्रवासी भारतीयों को और पर्यटकों को मिलेगा। सभी इंटरनेशनल क्रेडिट/डेबिट कार्डों की स्वीकृति विदेशी पर्यटकों की लंबे समय से चली आ रही मांग की पूर्ति हो जाएगी क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप से ई टिकटों को बुक करने में समर्थ हो जाएंगे और इस उद्देश्य से अब अन्य एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहेंगे।