सरकार ने अपनी अकड़ की वजह से साख गवां दी: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने नोटबंदी पर कहा जमींदारी सिस्टम की तरह बर्ताव कर रही सरकार।
नई दिल्ली। ममता बनर्जी आज दिल्ली में जंतर-मंतर पर सरकार के नोटबंदी के फैसले के विरोध में धरना दे रही हैं। ममता को विपक्ष के भी कई नेताओं का समर्थन मिल रहा है। ममता ने इस फैसले के लिए सरकार को जमकर कोसा है।
जंतर-मंतर पर धरने के दौरान तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी ने जमकर पीएम मोदी और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। ममता बनर्जी के धरना स्थल पर भाषण के पांच अहम बातें हम आपको बता रहे हैं।
नोटबंदी से परेशान लोगों के साथ संवेदनशील व्यवहार करें- अखिलेश यादव
1. सरकार का फैसला जमीदारी सिस्टम जैसा है, जहां गरीबों से उनकी कमाई छीनी जा रही है।
2. केंद्र सरकार ने अपनी विश्नसनीयता खो दी है, साख ही नहीं बची तो फिर क्या बचा?
3. ताकत में रहने से आंख और कान बंद हो जाते हैं। सरकार अपनी अकड़ दिखा रही है।
4. भाजपा को इस समय कोई समर्थन नहीं है, खुद पार्टी कार्यकर्ता भी परेशान हैं। भाजपा को गरीब आदमी के दर्द को समझना चाहिए।
5. जब देश की अर्थव्यवस्था ठीक चल रही थी, तब नोटबंदी ने देश को पीछे धकेल दिया। आज उद्योग बंद हैं और मजदूर आदमी भूखा मरने की कगार पर है।
नोटबंदी के खिलाफ धरने पर ममता बनर्जी, शरद यादव, जया बच्चन का समर्थन
तृणमूल कांग्रेस के जंतर मंतर पर धरने को जदयू नेता और राज्यसभा के सांसद शरद यादव ने भी अपना समर्थन दिया है। शरद यादव जंतर मंतर पर पहुंचे और ममता को समर्थन दिया। समाजवादी पार्टी से राज्यसभा की सांसद जया बच्चन ने भी ममता बनर्जी को समर्थन के लिए जंतर-मंतर पहुंचीं।
विपक्ष लगातार साध रहा है सरकार पर निशाना
8 नवंबर को नोटबंदी के बाद देशभर में 80 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं, जिनका संबंध नोटबैन से है। इस फैसले को लेकर विपक्ष संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है।
ममता बनर्जी लगातार विपक्ष को नोटबंदी के खिलाफ एकजुट करने का प्रयास कर रही हैं। इससे पहले वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन कर चुकी हैं।
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ममता बनर्जी नोटबैन के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की मांग भी कर चुकी हैं। राष्ट्रपति को ज्ञापन के दौरान ममता के पैदल मार्च को विपक्ष की कई पार्टियों के साथ-साथ भाजपा की सहयोगी शिवसेना का साथ मिला था।