IIT के संग मिलकर फ्यूचर प्लेन इंजन बनायेगा डीआरडीओ
मुंबई। देश के सुरक्षा उपकरण, मिसाइल व फाइटर प्लेन बनाने वाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ मिलकर भविष्य के विमानों के इंजन बनायेगा। इस काम में आईआईटी बाम्बे और आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिक डीआरडीओ के साथ मिलकर काम करेंगे।
इस संबंध में शनिवार को डीआरडीओ, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी मद्रास के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद रक्षा मंत्रालय से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इन तीनों संस्थानों का मकसद भविष्य के एयरो इंजन, लंबी अवधि तक उड़ान भरे वाले विमानों व रॉकेट के लिये हाईपरसोनिक प्रोपल्शन, रॉकेट के लिये सॉलिड प्रोपेलेंट कंबशन और अन्य कई विमान टेक्नोलॉजी में नये रिसर्च करना है।
साथ ही इस एमओयू के अंतर्गत आईआईटी बॉम्बे में सेंटर ऑफ प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी की स्थापना की जायेगी।
पढ़ें- आया अर्जुन टैंक तो दहल उठा चांदीपुर
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की सफलता के बाद डीआरडीओ का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले सालों में हमें अन्य देशों से विमान टेक्नोलॉजी, मिसाइल टेक्नोलॉजी, या हथियार आदि नहीं खरीदने पड़ें। हम खुद बनायें और बाकी देशों को बेचें।
एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान रक्षा मंत्रालय के डा एस क्रिस्टोफर, आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रो. देवांग खखर और आईआईटी मद्रास के निदेशक आर राममूर्ति उपस्थित थे। इस एमओयू के साथ मेक इन इंडिया के तहत एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में नई दिशा मिलने के आसार हैं।
डीआरडीओ के प्रवक्ता ने कहा कि आगे चलकर कई अन्य संस्थानों को भी जोड़ने का कार्य किया जा सकता है।