मायावती के इस्तीफे पर आजम खान से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी
जिस समय यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे तो कई मुद्दों पर उनका मायावती से टकराव हुआ था।
नई दिल्ली। दलितों के साथ हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यसभा में ना बोलने देने पर मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती का पारा चढ़ गया और उन्होंने इस्तीफे की धमकी दे डाली। वहीं समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान ने उन्हें एक खास सलाह दी है। यूपी में मायावती के धुर विरोधी रहे आजम खान से उनके इस्तीफे की धमकी पर ऐसे बयान की उम्मीद किसी को नहीं थी।
आजम की मायावती को खास सलाह
यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि मायावती एक वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं। वो चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं। उनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुए उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाना चाहिए था। उन्हें इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि मायावती को 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए।
क्यों इस्तीफा देना चाहती हैं मायावती
गौरतलब है कि मंगलवार को राज्यसभा में मायावती सहारनपुर में हुई दलित हिंसा का मुद्दा उठाना चाहती थीं। उन्हें बोलने के लिए 3 मिनट का समय दिया गया था लेकिन वो और बोलने के लिए ज्यादा समय लेना चाहती थीं। जब उन्हें अनुमति नहीं मिली तो मायावती इस्तीफे की धमकी देकर सदन से बाहर निकल आईं। मायावती ने कहा कि अगर वो अपने दलित समाज की आवाज ही सदन में नहीं उठा सकतीं तो फिर उन्हें राज्यसभा में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
मिलकर लड़ेंगे सपा-बसपा?
आपको बता दें कि जिस समय यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे तो कई मुद्दों पर उनका मायावती से टकराव हुआ था। यूपी में भाजपा की सरकार आने के बाद यह माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
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