क्या पेशावर के बाद टीटीपी का अगला निशाना भारत है?
बेंगलुरु। मंगलवार को सुबह 11 बजे पाकिस्तान के पेशावर से जो खबर आई, वह वाकई डराने वाले थी। 132 बच्चों की हत्या कर आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी)ने दुनिया को डर और दहशत के साए में थोड़ी देर तक कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया।
जब पड़ोस में इस तरह की डरावनी वारदात को अंजाम दिया जा रहा हो, जहां पर आतंकी घुसते ही बच्चों की हत्या करने लगे तो भारत में भी शक और कई तरह के सवाल उठने लाजिमी हैं। सबके जेहन में बस एक ही सवाल आ रहा है कि क्या पेशावर के बाद भारत पर खतरा और बढ़ गया है?
पाक अहम लेकिन भारत पर भी नजरें
वाशिंगटन स्थित वूड्रू विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स में साउथ ईस्ट एशिया से जुड़े सीनियर प्रोग्राम एसोसिएट माइकल कुगेलमैन की मानें तो उन्हें ऐसा नहीं लगता है लेकिन वहीं वह यह मानते हैं कि पेशावर आतंकी हमलें में शामिल आतंकी संगठन ने कई बार भारत को चुनौती देने का काम किया है।
माइकल कुगेलमैन ने वनइंडिया के साथ एक खास बातचीत में कहा कि हाल ही में वाघा बॉर्डर पर जो आतंकी हमला हुआ था उसके बाद इस संगठन के प्रवक्ता की ओर से कहा गया था कि अब वह कुछ ऐसा करेंगे जिसका लक्ष्य
भारत होगा। दूसरी ओर कुगेलमैन यह भी कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि भारत टीटीपी के लिए बहुत बड़ा आकर्षण केंद्र है। उसका मकसद फिलहाल पाक में मौजूद कई हिस्सों को निशाना साधना है।
टीटीपी अफगानिस्तान तालिबान के साथ काफी हद तक जुड़ा हुआ और इस इसी मायने में यह भारत के लिए खतरा साबित हो सकता है। टीटीपी अफगानिस्तान में अफगान तालिबान के साथ मिलकर कई हमलों को अंजाम देता है।
भारत में मचा सकता है तबाही
कु्गेलमैन का कहना है कि पाक तालिबान में इतनी क्षमता है कि वह दूसरे आतंकी संगठनों के साथ तालमेल बिठा ले और ऐसे में इस बात की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि वह भारत के विरोधी इकट्ठा होने वाली
जेहादी ताकतों के साथ मिलकर भारत में तबाही मचाने की साजिश को अंजाम दे डाले। हो सकता है कि वह साउथ एशिया में अल कायदा की नई शाखा में शामिल होने के लिए किसी संगठन की तलाश भी कर ले।
कुगेलमैन मानते हैं कि पाक तालिबान ने अल कायदा के साथ मिलकर काफी काम किया है और इसकी साउथ एशिया से जुड़ी शाखा के नेता असीम उमर ने हर बार भारत और भारत के खिलाफ नए अभियान की ही बात की है। कुछ लोग तो यह तक मानते थे कि वह एक भारतीय है।