मुलायम बनाम अखिलेश युद्द का कारण है साधना-डिंपल का झगड़ा!
सपा परिवार में न केवल पिता-पुत्र में झगड़ा है बल्कि अक्टूबर में ही सास साधना गुप्ता और बहू डिंपल यादव के बीच खटपट शुरू हो गई थी।
लखनऊ। सपा के अंदर इस समय वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, रविवार को राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को पार्टी के महासचिव और कार्यकर्ताओं ने अपना बिग बॉस चुन लिया है और मुलायम सिंह को भीष्म पितामह का रोल दे दिया गया है, जिसके बाद अब लड़ाई एसपी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर अटक गई है, जिसके लिए मुलायम चुनाव आयोग से मिल चुके हैं, और रामगोपाल यादव आज मिलने वाले हैं।
सपा दंगल: जब मुलायम के एक फोन पर अखिलेश-डिंपल ने कुर्बान किया था हनीमून
अक्टूबर 2016 से शुरू हुआ परिवार का ये झगड़ा आज चुनाव आयोग की दहलीज पर जा पहुंचा है, इसी दौरान इस परिवार के झगड़े ने सपा परिवार की बातों को भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। इन दिनों मुलायम के आदर्श यादव परिवार के बारे में काफी कुछ लिखा और कहा जा रहा है।
डिंपल का सास से हुआ था झगड़ा
इसी क्रम में Pradesh 18 की वेबसाइट ने लिखा है कि इस झगड़े ने वृहद रूप तब धारण किया जब मुलायम की पत्नी साधना गुप्ता और अखिलेश की पत्नी और सांसद डिंपल यादव के बीच में एक तगड़ा झगड़ा हुआ।
गायत्री प्रजापति के कारण नाराज थींं साधना गुप्ता
खबर है कि साधना गुप्ता ने उस समय अपना आपा खो दिया जिस समय अखिलेश ने मुलायम के करीबी और साधना गुप्ता के परममित्रों में से एक गायत्री प्रजापति को पार्टी से बाहर निकाल दिया। अपने गुस्से में उन्होंने इस बात के लिए डिंपल को काफी कुछ सुना दिया, जिस पर डिंपल ने सौतेली सास साधना से कहा कि वे सरकार की बातें परिवार के बीच में न लाएं, जिस पर साधना और भड़क गईं और उन्होंने डिंपल का काफी कुछ ऐसा कह दिया जिसने सास-बहू की सारी मर्यादा को तोड़ दिया।
अखिलेश ने छोड़ा पिता मुलायम का घर
सास के इस प्रहार से बेहद आहत डिंपल ने इस बारे में अखिलेश को फोन पर बताया, जिसके बाद अखिलेश अपनी बीवी-बच्चों को लेकर मुलायम का घर छोड़कर अपने सरकारी आवास कालीदास मार्ग में आ गए और उसके बाद अपने घर में शिफ्ट हो गए।
पारिवारिक कलह के बढ़ने से ही आज सपा पार्टी दो गुटों में दिखाई दे रही है
ये बात अक्टूबर की है, तब से पिता-पुत्र अलग रह रहे हैं और दोनों के बीच में औपचारिक मुलाकातें होने लगीं, बाते ना होने से और पारिवारिक कलह के बढ़ने से ही आज सपा पार्टी दो गुटों में दिखाई दे रही है। देखते हैं वर्चस्व की इस लड़ाई में किसकी जीत होती है?