जुबान खोली तो मारे गए बेचारे प्रशांत भूषण- योगेन्द्र यादव
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) जैसा की माना जा रहा था और संकेत मिल रहे थे आम आदमी पार्टी से प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को बाहर कर दिया गया। इनका अपराध यह था कि इन्होंने अपने को आम आदमी का मसीहा कहने वाले अरविंद केजरीवाल की कुछ बातों से असहमति जताई थी।
प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को पैदल करके ‘आप' ने संदेश दे दिया कि यहां पर शिखर पर बैठे शख्स से पंगा लेना खतरे से खाली नहीं है। प्रशांत भूषण कोई लाभ के लिए इधर नहीं आए थे। वे तो सुप्रीम कोर्ट के शिखर वकील है। उनकी रोज की प्रेक्टिस 15 लाख रुपये से कम नहीं होगी।
दिग्गज चिंतकों में शुमार
इसी तरह से राजनीति शास्त्र में पंजाब यूनिवर्सिटी से पी.एचडी यादव देश के दिग्गज चिंतकों में शुमार होते हैं। उनके ज्ञान का लोहा सब मानते हैं। वे दिल्ली के करीब रेवाड़ी के रहने वाले हैं।
केजरीवाल एक्सपोज
कहने की जरूरत नहीं है केजरीवाल अपने शपथ ग्रहण से लेकर सभा समारोहों तक में इनसान के इनसान से भाईचारे के पैगाम का गाना गाता फिरता हो,उसके लिए अपने ही चंद असहमत साथियों से भाईचारा बनाना कठिन हो गया।
प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव से जुड़ी कुछ खास बातें...
-
प्रशांत
भूषण
जनता
पार्टी
के
दौर
में
विधि
मंत्री
रहे
शांति
भूषण
के
पुत्र
हैं।
-
प्रशांत
भूषण
के
साक्ष्यों
के
आधार
पर
ही
केजरीवाल
रोबर्ट
वाड्रा
से
लेकर
मुकेश
अंबानी
पर
हल्ला
बोलते
थे।
-
योगेन्द्र
यादव
ने
जवाहर
लाल
नेहरु
यूनिवर्सिटी
से
ऱाजनीतिक
शास्त्र
में
एम
की
थी।
वे
समाजवादी
आंदोलन
से
जुड़े
रहे।
-
योगेन्द्र
यादव
समाजवादी
विचारक
कृष्ण
पटनायक
और
राम
मनोहर
लोहिया
के
शिष्य
रहे
हैं।
-
प्रशांत
भूषण
की
महीने
की
प्रेक्टिस
करीब
ढाई
करोड़
रुपये
के
आसपास
है।
-
प्रशांत
भूषण
का
जीवन
पूरी
तरह
से
सादा
है।
-
योगेन्द्र
यादव
ईस्ट
दिल्ली
के
आई.पी.एक्सटेंशन
की
सह
विकास
सोसायटी
में
रहते
हैं।
वे
यहां
की
गरीब
बस्तियों
के
बच्चों
को
पढ़ाते
भी
हैं।
उनके
पिता
शिक्षक
रहे
हैं।
- योगेन्द्र यादव सेंटर फार डवलपमेंट स्टडीज में प्रोफेसर हैं।