दिग्विजय बोले, कहीं आतंकियों के फरार होने में मिलीभगत तो नहीं?
दिग्विजय ने कहा कि आरएसएस और कट्टरपंथी मुस्लिम विचारधारा के लोग मिलकर ही देश में दंगे-फसाद कराते हैं। इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
नई दिल्ली। भोपाल सेंट्रल जेल से रविवार रात को सिमी के 8 खतरनाक आतंकियों के फरार होने के मामले पर पर राजनीतिक बयान भी आने शुरू हो गए हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुआ कहा कि जिस प्रकार से सिमी के लोग जेल तोड़कर भाग रहे हैं, उसमें ये भी जांच होनी चाहिए कि कहीं इसमें मिली भगत तो नहीं है।
दिग्विजय ने कहा कि आरएसएस और कट्टरपंथी मुस्लिम विचारधारा के लोग मिलकर ही देश में दंगे-फसाद कराते हैं।
एनकाउंटर में मारे गए भोपाल जेल से भागे सिमी के 8 आतंकी
इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
गौरतलब है कि रविवार देर रात भोपाल की सेंट्रल जेल से 8 आतंकी फरार हो गए थे। हालांकि मध्य प्रदेश पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सुबह इन 8 आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया।
इन्होंने भागने से पहले एक हेड कॉन्स्टेबल की हत्या भी कर दी। यह आठों आतंकी प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) संगठन के हैं।
इन आतंकियों ने रात करीब 2 बजे हेड कॉन्स्टेबल रामा शंकर की हत्या की। हत्या के लिए आतंकियों ने चाकू का सहारा लिया और उससे रामा शंकर का गला काट दिया।
भागने के लिए चुनी थी दिवाली की रात
हेड कॉन्स्टेबल की हत्या के बाद आतंकियों ने चादरों को आपस में जोड़कर रस्सी जैसा बनाया और जेल की चारदीवारी फांद ली। अपनी इस योजना का अंजाम देने के लिए आतंकियों ने दिवाली की रात चुनी।
आतंकियों ने दिवाली की रात को इसलिए चुना क्योंकि इस रात में लोग दिवाली उत्सव के चलते पटाखे बजा रहे थे और पटाखों के शोर में उनके भागने की आहट किसी को सुनाई न दे।
फरार हुए आठों आतंकियों पर देशद्रोह का मामला चल रहा था। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि इस मामले की छानबीन की जाएगी कि आखिर वो भागने में कामयाब कैसे हो सके।