खुलासा: 14 लाख करोड़ की करेंसी बनी कागज, बदले में छपे सिर्फ 1.5 लाख करोड़ के नए नोट
एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आयी है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अब तक केवल 1.5 लाख करोड़ रुपए के नए नोट छापे हैं।
नई दिल्ली। नोटबंदी के कारण जहां देश की संसद में हंगामा हो रहा है और लोग पैसे निकालने के लिए एटीम की कतारों में दिखाई दे रहे हैं, इसी बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आयी है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अब तक केवल 1.5 लाख करोड़ रुपए के नए नोट छापे हैं।
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जबकि 500 और 1000 रुपए के रूप में देश के 14.18 लाख करोड़ रुपयों को अब रद्दी कागज बना दिया गया है।इससे ये बात साफ है कि देश में जितने पैसों की जरूरत है वो अभी पूरी नहीं हो पाएगी।
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जिससे विरोधियों की ये बात साबित होती है कि मोदी सरकार ने नोटबंदी का आदेश तो दे दिया लेकिन इसका होमवर्क पूरा नहीं किया जिसके कारण लोगों को असुविधा झेलनी पड़ रही है और ये आगे भी अभी जारी रहने वाली है।
नए नोटों में 2000 के नोट ज्यादा
सबसे परेशान करने वाली बात तो ये है कि नई करेंसी में भी ज्यादातर नोट 2000 के हैं जिसे इस्तेमाल करने में काफी दिक्कत हो रही है क्योंकि लोगों के पास बदले में देने के लिए छुट्टे पैसे या नोट नहीं है जिसकी वजह से लोगों का सामान खरीदने में काफी दिक्कत हो रही है।
Credit Suisse research report
यह रिपोर्ट Credit Suisse research की है। यह रिपोर्ट 25 नवंबर को आई। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी का एलान किया था। बताया गया था कि 31 दिसंबर के बाद से 500 और 1000 रुपए के नोट चलने बंद हो जाएंगे। ऐसे में नए नोट कब तक लोगों को मिल पाएंगे ये कह पाना अभी थोड़ा मुश्किल है।