केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर फर्जी डिग्री केस में आया कोर्ट का फैसला
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर फर्जी डिग्री केस में अदालत ने फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने फर्जी डिग्री केस की सुनवाई करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनके खिलाफ डाली गई याचिका खारिज कर दी। पिछली सुनवाई में दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने स्मृति ईरानी की डिग्री से जुड़ी रिपोर्ट अदालत में पेश की थी।
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इन आधारों पर कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका
फर्जी डिग्री केस में स्मृति ईरानी को कोर्ट में तलब करने की याचिका को अदालत ने इन दो आधारों पर खारिज कर दी।
पहला आधार - याचिकाकर्ता ने 11 साल की देरी से इस मामले की शिकायत की।
दूसरा आधार - दिल्ली विश्वविद्यालय से स्मृति ईरानी के ओरिजिनल सर्टिफिकेट नहीं मिल पाए।
अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने परेशान करने के मकसद से इसलिए शिकायत की क्योंकि स्मृति ईरानी केंद्रीय मंत्री हैं।
क्या है फर्जी डिग्री विवाद?
याचिकाकर्ता अहमर खान ने स्मृति ईरानी के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की थी कि उन्होंने चुनाव आयोग को अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारियां दी थीं।
इस केस में स्मृति ईरानी के 1996 के बीए की डिग्री पर सवाल उठाया गया था जिसे उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया था।
चुनाव आयोग और डीयू की केस में भूमिका
अदालत ने पहले डीयू से ओरिजनिल सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने को कहा लेकिन विश्वविद्यालय ने कहा कि दस्तावेज मिल नहीं पा रहे।
इसी प्रकार, चुनाव आयोग से भी स्मृति ईरानी से जुड़े दस्तावेज की मांग अदालत ने की। चुनाव आयोग ने भी ओरिजिनल दस्तावेज नहीं मिलने की बात कही।
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