दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को फर्जी हलफनामा केस में मिली जमानत, अगली सुनवाई 7 अप्रैल को
याचिका में कहा गया गया कि केजरीवाल ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में जानबूझ कर जानकारी छुपाई। इस आधार पर उनके खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त वजहें हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2013 विधानसभा चुनाव में गलत हलफनामा देने के मामले में कोर्ट ने जमानत दे दी है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आशीष गुप्ता ने केजरीवाल की जमानत मंजूर की। केजरीवाल को 10000 रुपये का निजी मुचलके पर जमानत मिली है। इसके साथ ही मामला की अगली सुनवाई के लिे 7 अप्रैल 2017 की तारीख तय की गई है।
केजरीवाल
को
मिली
थी
पेशी
से
छूट
इस
साल
31
अगस्त
को
कोर्ट
ने
मामले
की
सुनवाई
में
पेशी
से
केजरीवाल
को
छूट
दे
दी
थी।
कोर्ट
ने
उन्हें
शनिवार
को
कोर्ट
में
पेश
होने
के
लिए
कहा
था।
उनकी
जमानत
याचिका
लंबे
समय
से
पड़ी
थी।
केजरीवाल
ने
कोर्ट
में
पेश
न
हो
पाने
के
पीछे
वजह
दी
थी
कि
उनके
पास
काम
का
बोझ
ज्यादा
है
और
उन्हें
लगातार
कई
मीटिंग
में
शामिल
होना
होता
है।
कोर्ट
ने
इस
साल
फरवरी
में
केजरीवाल
को
एक
एनजीओ
की
ओर
से
दायर
की
गई
नीरज
सक्सेना
और
अनुज
अग्रवार
की
याचिका
के
मामले
में
समन
भेजा
था।
केजरीवाल
पर
आरोप
है
कि
उन्होंने
जानबूझ
कर
अपनी
जानकारी
छुपाई।
पढ़ें: नजीब जंग पहले भी दो बार देने वाले थे इस्तीफा, PM नरेंद्र मोदी ने रोका
हाईकोर्ट
ने
खारिज
कर
दी
थी
याचिका
याचिका
में
कहा
गया
गया
कि
केजरीवाल
ने
चुनाव
आयोग
को
दिए
हलफनामे
में
जानबूझ
कर
जानकारी
छुपाई।
इस
आधार
पर
उनके
खिलाफ
केस
चलाने
के
लिए
पर्याप्त
वजहें
हैं।
एनजीओ
ने
दिल्ली
हाईकोर्ट
में
अपील
की
थी
कि
केजरीवाल
के
नामांकन
को
रद्द
कर
दिया
जाए
क्योंकि
उन्होंने
हलफनामे
में
गलत
जानकारी
दी
है।
हालांकि
हाईकोर्ट
ने
याचिका
खारिज
कर
दी
थी
और
मजिस्ट्रेट
कोर्ट
में
अपील
करने
को
कहा
था।
एनजीओ
ने
अपनी
याचिका
में
हाईकोर्ट
से
कहा
कि
केजरीवाल
ने
गलत
जानकारी
देकर
कानून
का
उल्लंघन
किया
है।
पढ़ें: इस्तीफे के बाद नजीब जंग से मिले दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल
हलफनामे
में
दिया
था
दिल्ली
का
पता
केजरीवाल
के
खिलाफ
धारा
125-ए
के
तहत
केस
दर्ज
किया
गया
है।
अगर
वह
दोषी
पाए
जाते
हैं
तो
उन्हें
छह
महीने
की
जेल
या
जुर्माना
या
फिर
दोनों
सजा
के
तौर
पर
दिया
जा
सकता
है।
केजरीवाल
के
खिलाफ
दर्ज
शिकायत
में
आईपीसी
और
आरपी
के
कई
एक्ट
के
तहत
अपराध
गिनाए
गए
थे।
शिकायत
में
कहा
गया
कि
केजरीवाल
ने
दिल्ली
में
अपना
पता
दिया
ताकि
वह
चुनाव
लड़
सकें
जबकि
उस
वक्त
वह
गाजियाबाद
में
रहते
थे।
सीधे
तौर
पर
केजरीवाल
ने
जानबूझकर
गलत
जानकारी
दी
थी।