क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मां के अंतिम संस्कार के लिए छत तोड़कर निकालनी पड़ी लकड़ी

By Anujkumar Maurya
Google Oneindia News

कालाहांडी। सरकारी सहायता न मिलने पर पत्नी की लाश कंधे पर लेकर घूमने की घटना के बाद एक बार फिर ओडिशा का कालाहांडी शर्मसार हुआ है। इस बार कालाहांडी जिले के गोलामुंडा तहसील में स्थित डोकरीपाड़ा गांव खबरों में आ गया है। यहां चार लड़कियों को अपनी मां के शव को अंतिम संस्कार के लिए सिर पर रखकर ले जाना पड़ा और किसी ने भी उनकी कोई मदद नहीं की।

roof

इतना ही नहीं, हद तो तब हो गई जब महिला के अंतिम संस्कार के लिए लड़कियों को अपने ही घर की छत तोड़कर लकड़ी निकालनी पड़ी। इस महिला का नाम था कनक सतपाथी, जिसकी लंबी बीमारी के चलते शुक्रवार रात को मौत हो गई थी। महिला की उम्र 75 साल बताई जा रही है।

जियो को टक्कर देने के लिए वोडाफोन का एक और बड़ा धमाकाजियो को टक्कर देने के लिए वोडाफोन का एक और बड़ा धमाका

लड़कियों ने अपने पड़ोसियों से मदद के लिए विनती भी की थी, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। कई घंटों तक मदद का इंतजार करने के बाद महिला की बेटियों ने फैसला किया कि वह खुद ही अपनी मां का अंतिम संस्कार करेंगी।

dead body

लड़कियों ने अपनी मां के शव को एक चारपाई को उल्टा करके उस पर बांध दिया और अंतिम संस्कार के लिए लेकर चल दीं। चारों बेटियों में से दो विधवा हैं और बाकी दो के पतियों ने उन्हें छोड़ दिया है। अपना पेट भरने के लिए वे सभी भीख मांगकर अपना पेट भरती हैं।

अब रिलांयस जियो का एक्सपीरियंस सेंटर करेगा आपकी हर मदद, जानिए कैसे?अब रिलांयस जियो का एक्सपीरियंस सेंटर करेगा आपकी हर मदद, जानिए कैसे?

पहले भी चर्चा में रहा था ओडिशा का ये जिला

ओडिशा का कालाहांडी जिला इससे पहले तब चर्चा में रहा था जब एक व्यक्ति अपनी पत्नी की लाश कंधे पर रखकर करीब 12 किलोमीटर तक पैदल चला था। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि उसे शव को अस्पताल से घर तक ले जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिली थी

14 सितंबर की रात को भवानीपटना के जिला मुख्यालय अस्पताल में दाना माझी नाम के इस शख्स की पत्नी की मौत हो गई थी। वह काफी समय से टीबी से पीड़ित थी, जिसका उपचार अस्पताल में चल रहा था, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके।

आतंकी बुरहान वानी के पिता ने शहीद भगत सिंह से कर डाली बेटे की तुलना, सेना पर उठाए सवालआतंकी बुरहान वानी के पिता ने शहीद भगत सिंह से कर डाली बेटे की तुलना, सेना पर उठाए सवाल

अगले दिन सुबह-सुबह स्थानीय लोगों ने देखा कि दाना माझी अपनी पत्नी अमंग देई का शव अपने कंधे पर रखकर घर की ओर जा रहा था। उस शख्स के साथ उसकी 12 साल की बेटी भी थी।

kalahandi

आपको बता दें कि ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ही नवीन पटनायक सरकार ने फरवरी में 'महापरायण' नाम की योजना शुरू की थी। इसके तहत शव को सरकारी अस्पताल से उसके घर तक पहुंचाने के लिए मुफ्त में वाहन की सुविधा दी जाती है।

जब माझी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल की तरफ से उसे ऐसी कोई भी मदद मुहैया नहीं कराई गई। इसलिए उसने खुद ही अपनी पत्नी के शव को कपड़े में लपेटा और कंधे पर लेकर पैदल ही भवानीपटना से मेलघारा गांव के लिए चल पड़ा। आपको बता दें कि ये कुल दूरी 60 किलोमीटर की है।

पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर हामी भरने से भारत को होंगे ये फायदेपेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर हामी भरने से भारत को होंगे ये फायदे

जब कुछ स्थानीय संवाददाताओं ने उन्हें देखा तो इसकी शिकायत जिला कलेक्टर के पास की। जिसके तुरंत बाद जिला कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए एम्बुलेंस की व्यवस्था की। तब तक वह शख्स 12 किलोमीटर दूर आ चुका था और बची हुई 48 किलोमीटर की दूरी उसने सरकार की तरफ से मुहैया कराई गई एम्बुलेंस से की।

Comments
English summary
daughters have to dismantle the roof of their house for cremation of their mother
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X