तीन तलाक पर फैसले के बाद इस मुस्लिम संस्था ने की शानदार अपील
दारुल इफ्ता जामिया निजामी की तरफ से ये पहल तब की गई है जब अगले महीने ही पूरे देश में बकरीद मनाया जाएगा।
नई दिल्ली। देश में गौहत्या को लेकर हो रहे विवादों के बीच एक मुस्लिम समुदाय ने गाय की हत्या पर रोक लगाने की अपील की है। हैदराबाद की दारुल इफ्ता जामिया निजामी संस्था ने लोगों से बकरीद के मौके पर गायों और बैलों को ना काटने की अपील की। संस्था की तरफ से कहा गया है कि धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए जरुरी है कि गौहत्या ना की जाए। दारुल इफ्ता जामिया निजामी की तरफ से ये पहल तब की गई है जब अगले महीने ही पूरे देश में बकरीद मनाया जाएगा।
इससे पहले जून में हैदराबाद हाईकोर्ट के एक जज बी शिव शंकर राव ने कहा था कि गाय देश की पवित्र संपदा है। इतना ही नहीं उन्होंने गाय को मां और भगवान का 'विकल्प' तक बताया था। शिवशंकर राव ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का जिक्र करते हुए कहा था कि बकरीद के मौके पर मुस्लिम धर्म के लोगों को सेहतमंद गाय को काटने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है। जज ने उन डॉक्टरों को आंध्रप्रदेश गौहत्या एक्ट 1977 के अंतर्गत लाने की मांग भी की जो कि धोखे से सेहतमंद गाय को अनफिट करार देकर सर्टिफिकेट देकर कह देते हैं कि वे दूध नहीं दे सकती। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उन गायों को काटने की इजाजत है जो कि बूढ़ी हो गई हैं और दूध नहीं देतीं।
आपको बता दें कि 2 सितम्बर को बकरीद के मौके पर हर साल देश के कई इलाकों में गाय की कुर्बानी दी जाती है। इस साल ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे-मुशावरत ने भी यह एलान किया है कि इस बकरीद के मौके पर कोई भी मुस्लमान गाय की कुर्बानी नहीं देगा।