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महज दलित होने के चलते महिला प्रधान को झंडा नहीं फहराने दिया

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भोपाल। देश की आजाद हुए 68 साल पूरे हो ये हैं, इस आजादी का मतलब क्या सिर्फ विशिष्ट वर्ग के लोगों से है। मध्य प्रदेश के राजसेना जिले में सिर्फ दलित होने के चलते 15 अगस्त के मौके पर झंडा नहीं फहराने दिया गया।

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मध्य प्रदेश के राजसेन जिले की इस घटना ने एक बार फिर से आजादी का जश्न मनाने वाले देशभर के नागरिकों और सियासतदानों को शर्मिंदा कर दिया है। इलाके की महिला सरपंच पुष्पा बाई को सिर्फ उनके दलित होने के चलते झंडा फहराने से रोक दिया।

मागरोल गांव की सरपंच पुष्पा बाई को यहां के उच्च वर्ग के लोगों ने झंडा फहराने से रोक दिया। दरअसल जब इलाके में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराने के लिए सरपंच पुष्पा बाई और उनके सचिव राजेश केवट झंडा फहराने पहुंचे तो यहां के उपसरपंच ने झंडा फहराने से रोक दिया। यही नहीं सरंपच और उनके सचिव के साथ इलाके में जमकर मारपीट भी हुई झंडे को फाड़ दिया गया।

इस घटना के बाद सरंपच और सचिव ने बरेली थाने पर मामला दर्ज कराया गया। सरपंच ने पुलिस से इस मामले में कार्यवाही करने की अपील की। पुष्पा बाई ने कहा कि पुलिस उनकी शिकायत पर कार्यवाही नहीं कर रही है। जिसके बाद उन्होंने इलाके के एसपी और कलेक्टर इंसाफ की गुहार लगायी है।

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English summary
Dalit Gram Pradhan refrained to hoist tricolour on Independence day. In the dispute tricolour was torn and Pradhan was beaten badly.
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