टाटा ग्रुप से हटाए जाने के बाद पीएम मोदी से सायरस मिस्त्री ने क्यों मांगा समय?
मिस्त्री के परिवार की फर्म शापूरजी पलोंजी ग्रुप की टाटा संस में 18.4 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं टाटा परिवार के सभी ट्रस्ट के पास कुल मिलाकर करीब 66 फीसदी हिस्सेदारी है।
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप से निकाले जाने के बाद अब सायरस मिस्त्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पर बात करना चाहते हैं। इसके लिए वह पीएम मोदी का अप्वाइंटमेंट भी ले रहे हैं। आपको बता दें कि सोमवार को हुई टाटा ग्रुप के बोर्ड की बैठक के बाद सायरस मिस्त्री को कंपनी से निकाल दिया गया।
मिस्त्री के परिवार की फर्म शापूरजी पलोंजी ग्रुप की टाटा संस में 18.4 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं टाटा परिवार के सभी ट्रस्ट के पास कुल मिलाकर करीब 66 फीसदी हिस्सेदारी है।
टाटा संस के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को निकाले जाने के बाद निवेशकों ने भी सामान्य प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर में मामली 1-3 फीसदी तक गिरावट दिखी। वहीं कुछ कंपनियों के शेयर तो बढ़े भी हैं।
कैवेट दाखिल करने की भी थी खबर
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि मिस्त्री ने चार कैवेट दाखिल किए हैं। हालांकि इस मामले पर मिस्त्री के ऑफिस ने बयान देकर स्पष्ट किया है कि उनकी ओर से कोई कैवेट दाखिल नहीं किया गया है।
खबरों के अनुसार टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल में प्रतिवाद दाखिल किया था।