यूपी में मीटबंदी से बेरोजगार हो जाएंगे लाखों लोग!
मीट पैकिंग और चमड़ा उद्योग भारत से निर्यात की जाने वाली चीजों में एक बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं और इस हिस्सेदारी में उत्तर प्रदेश की काफी अहम भूमिका है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तरफ से बूचड़खाने बंद करवाए जाने का अभियान भले ही बहुत से लोगों को सही लग रहा हो, लेकिन इंडियास्पेंड के आंकड़ों की मानें तो इससे लाखों लोगों का रोजगार भी छिन रहा है। इस कदम से बहुत से उद्योगों पर बुरा असर पड़ रहा है। योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के आधे से भी अधिक लाइसेंस वाले बूचड़खाने और अवैध बूचड़खानों को बंद कराया जा रहा है, जो कानून का पालन नहीं कर रहे हैं।
यूपी बेरोजगारी में दूसरे नंबर पर
योगी सरकार के इस कदम से मीट पैकेजिंग, लाइव स्टॉक और चमड़े के उद्योग पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। मार्च 2017 की इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश झारखंड के बाद दूसरा ऐसा राज्य है, जहां पर बेरोजगारी और गरीबी सबसे अधिक है। श्रम मंत्रालय के डेटा के हिसाब से 2015-16 में हर 1000 में से 58 लोग उत्तर प्रदेश में बेरोजगार थे, जबकि देश में यह औसत 37 था। वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में 18-29 साल के युवाओं में 1000 में से 148 युवा बेरोजगार हैं। ये भी पढ़ें- यूपी के बाहर भी योगी इफेक्ट, गुरुग्राम में शिवसेना ने बंद कराई मीट की 300 दुकानें
मीट में यूपी की अहम भूमिका
मीट पैकिंग और चमड़ा उद्योग भारत से निर्यात की जाने वाली चीजों में एक बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं और इस हिस्सेदारी में उत्तर प्रदेश की काफी अहम भूमिका है। एग्रिकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के अनुसार 2015-16 में उत्तर प्रदेश से कुल निर्यात का करीब 43 प्रतिशत भैंस का मांस निर्यात किया गया। चमड़े के निर्यात से भी काफी कमाई होती है। कुल जितना चमड़ा बनता है, उसमें से 46 फीसदी निर्यात कर दिया जाता है, जिसमें उत्तर प्रदेश के कानपुर का बड़ा योगदान है।
मीट कारोबार
उत्तर प्रदेश से पूरे भारत का कुल 43 फीसदी भैंस का मांस निर्यात किया जाता है। यूपी में करीब 4000 बूचड़खाने रजिस्टर्ड हैं और लगभग 25,000 बिना लाइसेंस के चल रहे थे। एग्रिकल्चर स्टेटिस्टिक्स रिपोर्ट के अनुसार 2015 में भारत में उत्तर प्रदेश मीट पैदा करने वाला सबसे बड़ा उत्पादक रहा है। 2014-15 में यूपी के मीट कारोबार ने भारत के कुल मीट कारोबार में 21 फीसदी का योगदान दिया था। भारत की तरफ से निर्यात की जाने वाली चीजों में भैंस का मांस काफी महत्वपूर्ण है, जो कुल 40 देशों में भेजा जाता है। 2015-16 में भारत ने 13.14 लाख मीट्रिक टन भैंस का मीट निर्यात किया था, जिसकी कीमत 26,685.42 रुपए है। ये भी पढ़ें- घर-घर मीट पहुंचाएगी ममता सरकार, कहा- यूपी में हो रहा है भेदभाव
चमड़ा उद्योग
काउंसिल फॉर लैदर एक्सपोर्ट्स डेटा के मुताबिक 2014-15 में भारत की ओर से चमड़े का निर्यात कुल 39,097 रुपए का हुआ था और 2015-16 में लगभग 38,396 करोड़ रुपए का चमड़ा निर्यात किया गया था। भारत के चमड़ा उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 25 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। भारत के लेबर ब्यूरो की 2009 की एक स्टडी के मुताबिक, चमड़ा उद्योग में लगे एक तिहाई मजदूर महिलाएं हैं और एक चौथाई मजदूर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के हैं।