देश के कॉर्पोरेट घरानों पर है 4.85 लाख करोड़ रुपए के टैक्स का बकाया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विपक्ष शुरु से ही उद्योगपतियों की सरकार होने का आरोप लगाती रही है। वहीं उद्योगपतियों पर टैक्स की बकाया राशि पर नजर डाले तो यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी चुनौती दिखती है। 2014-15 के आयकर विभाग के आंकड़ों के अनुसार उद्योगपतियों पर 4.85 लाख करोड़ रुपए का कर बकाया है।
उद्योगपतियों पर इतनी बड़ी रकम जो बकाया है वह डायरेक्ट या इनडायरेक्ट टैक्स के तहत है। केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा में दिये अपने बयान में कहा कि देश के प्रमुख घरानों पर 3.20 लाख करोड़ रुपए का ऋण बकाया है।
वहीं 31 मार्च तक के आंकड़े पर नजर डाले तो एक्साइज, कस्म और सर्विस टैक्स आदि का भी 1.65 लाख करोड़ रुपए का कर्ज उद्योपतियों पर बकाया है। सिन्हा ने कहा कि कुल 77 ऐसी कंपनियां हैं जिनपर 500 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है
वहीं सिन्हा ने कहा कि आयकर विभाग इस बकाये को वसूलने के लिए एक अभियान चला रहा है। सिन्हा ने कहा कि सरकार इसके लिए इन कंपनियों की कुल चल और अचल संपत्तियों का भी ब्योरा इकट्ठा कर चुकी है। गौरतलब है कि हाल ही में आयकर विभाग ने 31 ऐसी डिफाल्टर कंपनियों की सूचि जारी की थी जिनपर 1500 करोड़ रुपए का बकाया है।