दस्तावेज लीक में नई गिरफ्तारी से नए जासूसी रैकेट का भंडोफोड़
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय से लीक हुए गोपनीय दस्तावेजों के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक और व्यक्ति की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इस गिरफ्तारी से पुलिस को एक अन्य जासूसी रैकेट का पर्दाफाश करने में मदद मिली है।
दिल्ली पुलिस प्रमुख बी.एस बस्सी ने संवाददाताओं को बताया, "हमने इस मामले में लोकेश नामक एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो कोयला और पेट्रोलियम मंत्रालयों के चोरी किए हुए दस्तावेजों को कुछ कॉरपोरेट घरानों को उपलब्ध कराता था। लोकेश की गिरफ्तारी से हमें एक अन्य रैकेट का भंडाफोड़ करने में मदद मिली है।" लोकेश (30) शास्त्री भवन के मल्टी-टास्क स्टाफ (एमटीएस) का पूर्व सदस्य है।
पुलिस के मुताबिक, लोकेश और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई है। क्योंकि वे एक अन्य रैकेट में शामिल पाए गए हैं, जो पेट्रोलियम, ऊर्जा और कुछ अन्य मंत्रालयों से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को चुराने के मामले में लिप्त है।
सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज चोरी मामले में चल रही जांच के दौरान दिल्ली अपराध शाखा को लोकेश के बारे में जानकारी मिली। शास्त्री भवन के दो पूर्व एमटीएस कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद 17 फरवरी को लोकेश के बारे में पता चला।
लोकेश कुछ अन्य लोगों के साथ संपर्क में था। पुलिस को संदेह है कि इन लोगों के कॉरपोरेट घरानों से संबंध हो सकते हैं, जो आरोपियों द्वारा चुराए गए दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हैं।
मामले की छानबीन के क्रम में उसे सोमवार को शास्त्री भवन ले जाया गया। जासूसी मामले के सामने आने के बाद लोकेश गायब हो गया था। उसे सोमवार अपराह्न् दो बजे दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस की टीम ने सोमवार को विभिन्न मंत्रालयों में काम कर रहे आठ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग कोयला, पेट्रोलियम और ऊर्जा मंत्रालयों में कार्यरत थे।
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि वे राजीव सिंह नामक एक युवक की तलाश में हैं, जो कोयला मंत्रालय का कर्मचारी है और लोकेश का सहयोगी भी है। इससे पहले, पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें एक पूर्व पत्रकार और पांच कॉरपोरेट अधिकारी शामिल थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।