1 फरवरी को बजट न पेश करे केंद्र सरकार , विपक्षी दल पहुंचे राष्ट्रपति और चुनाव आयोग के पास
देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार की तरफ से 1 फरवरी, 2017 को अग्रिम बजट पेश करने के फैसले को लेकर विपक्षी दल राष्ट्रपति और भारतीय चुनाव आयोग के पास पहुंच गए हैं
नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार की तरफ से 1 फरवरी, 2017 को अग्रिम बजट पेश करने के फैसले को लेकर विपक्षी दल राष्ट्रपति और भारतीय चुनाव आयोग के पास पहुंच गए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से पेश किया जाने वाला बजट केंद्र सरकार की मदद करेगा। इस बावत कांग्रेस समेत छह विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और भारतीय चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि अग्रिम बजट पेश करने से केंद्र सरकार को आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मदद मिल सकती है। आपको बताते चलें कि कैबिनेट कमेटी ऑफ पॉर्लियामेंट्री अफेयर्स ने मंगलवार को 31 जनवरी से अगला बजट सत्र शुरु होने का निर्णय किया है।
माना जा रहा है कि 1 फरवरी, 2017 को नया बजट पेश हो जाएगा। इस बार बजट को तीन सप्ताह पहले पेश किए जाने की संभावना है। इस साल से पहले हर साल बजट को फरवरी माह के तीसरे सप्ताह के बाद पेश किया जाता था। इसमें पहले रेल बजट, फिर आर्थिक सर्वेक्षण और बाद में आम बजट पेश किया जाता था। विपक्षी पार्टियों ने पत्र लिखकर संयुक्त रूप से एनडीए सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार इस बजट के जरिए चुनाव से पहले लोगों के लिए लुभावनी स्कीम की घोषणा करत सकती है। इसके जरिए मतदाताओं को पूरी तरह से प्रभावित किया जा सकता है। इसलिए केंद्र सरकार को अग्रिम बजट पेश करने से रोका जाना चाहिए। विपक्षी दलों ने वर्ष 2012 का उदाहरण देते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने उस साल 16 मार्च को बजट पेश किया था क्योंकि उस साल भी पांच राज्यों में चुनाव होने थे। विपक्षी दलों के नेताओं में राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद, सीपीआई एम से राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव और जनता दल यूनाइटेड के सांसद शरद यादव ने हस्ताक्षर किए हैं। ये भी देखें: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान, जानिए किस राज्य में किस तारीख को होगी वोटिंग