PM ने जीता दिल, तो जली कांग्रेस, कहा भाषण भविष्य की रूपरेखा नहीं
नयी दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक लालकिले से देश को संबोधित कर लोगों को दिल जीत लिया। पीएम मोदी ने लालकिले से जो सपना लोगों को दिखाया उनकी अनुभूति ही अमूल्य थी। मोदी ने परंपराओं को तोड़ते हुए बिना देखे अपना भाषण दिया और लोगों को दिल जीत लिया, लेकिन मोदी के भाषण ने विपक्ष खुश नहीं हो पाई।
विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी के प्रथम स्वतंत्रता दिवस भाषण की आलोचना की और कहा कि उसमें मामूली बातें थीं न कि भविष्य के लिए एक दिशादृष्टि। भाजपा मोदी के भाषण को सीधे लोगों के हृदय से जुड़ने का जरिया बता रही है तो कांग्रेस ने मोदी पर निष्प्रभावी भाषण देने का आरोप लगाया और कहा कि उसमें नये विचार, नई योजनाएं और नई पहलें नहीं थीं। वामदलों ने योजना आयोग को खत्म करने की घोषणा की आलोचना की।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मोदी पर हमला करते हुए कहा कि चूंकि नये प्रधानमंत्री का यह पहला भाषण था, लोगों को उनके द्वारा अगले पांच साल के लिए विकासपथ की उनकी दिशादृष्टि की उम्मीद रही होगी। लेकिन यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री इस अवसर पर उठ नहीं पाए और मामूली बातों में फंस गए।
कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी का भाषण राष्ट्र के नाम संबोधन के बजाय एक चुनावी भाषण ज्यादा लग रहा था। मनीष तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बड़ी चतुराई से मुद्रास्फीति की उपेक्षा की जो पिछले दो महीने में ऊंचाई पर पहुंच गयी है। तिवारी ने आरोप लगाया कि पीएम ने अपने भाषण में पाकिस्तान की सीमापार घुसपैठ, चीन की मानचित्र संबंधी धौंस की अनदेखी की। कांग्रेस नेताओं के अलावा माकपा नेता सीताराम येचुरी ने योजना आयोग खत्म करने की मोदी की घोषणा पर सवाल खड़ा किया और कहा, कहने और करने में काफी अंतर है।