बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए प्रयोग में लाएं तकनीक- कमेटी
नई दिल्ली।पूर्व गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अगुवाई वाली कमेटी ने पंजाब के पठानकोट हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा की कमियों पर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। यह समिति हमले के बाद गठित की गई थी।
कमेटी ने सुझाव दिया है कि नदी की सीमाओं पर निगरानी को सुधारा जाए और तकनीक का उपयोग किया जाए।
इन 4 राज्यों के अलग से अनुशंसा
कमेटी ने अपने रिव्यू में जिन चार राज्यों की सीमा अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती है उनके लिए अलग से अनुशंसा की है। हर राज्य की अलग अलग समस्याएं हैं और उनकी भौगोलिक स्थिति भी अलग है।
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भारत पाक के 3,323 किलोमीटर लंबे बॉर्डर में 1,225 किलोमीटर जम्मू और कश्मीर के हिस्से में है जिसमें से लाइन ऑफ कंट्रोल भी शामिल है। साथ ही 553 किमी पंजाब, 1,037 किमी राजस्थान और 508 किमी गुजरात की सीमाएं पाक से लगती हैं।
कमेटी ने जाहिर की निराशा
बता दें कि यह कमेटी हमले के तीन माह बाद गठित की गई थी जिसे बॉर्डर सुरक्षा में कमियों और अतिसंवेदनशील बॉर्डर्स की घेरा सुझाव देने के लिए कहा गया था।
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गृहमंत्रालय के सूत्रों के अनुसार कमेटी ने सुझाव दिया है कि सुरक्षा में वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएं।
साथ ही कमेटी ने इस बात का निराशा भी जाहिर की है कि जोखिम भरे और दलदली इलाका होने के कारण घुसपैठ आशंकित क्षेत्रों में कई जगह लेजर वॉल इंस्टॉल नहीं की गई है।
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कमेटी ने सुझाव दिया है कि फाइव लेयर सेफ्टी सिस्टम बहाल किया जाए।