जब अम्मा ने चो रामास्वामी से कहा, उन्हें उनकी जरूरत है
अपनी दोस्त के जाते ही वेटरन जर्नलिस्ट चो रामास्वामी ने भी कहा दुनिया को अलविदा। वर्ष 2015 में जब चो रामास्वामी से मिलीं थी जयललिता तो जल्द वापस लौटने को कहा था।
चेन्नई। बड़े ही इत्तेफाक की बात है कि वेटरन जर्नलिस्ट चो रामास्वामी जिन्हें जयललिता अपना सबसे अच्छा दोस्त कहती थीं, उनका निधन भी अम्मा की मृत्यु के ठीक दो दिन बाद हो गया। चो रामास्वामी भी उसी अपोलो अस्पताल में भर्ती थे जहां पर अम्मा 72 दिनों तक भर्तीं रही थीं।
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वर्ष 2015 में बीमार हुए थे रामास्वामी
रामास्वामी में जया को न सिर्फ अपना एक अच्छा दोस्त नजर आता था बल्कि वह उन्हें अपना गाइड और फिलॉसफर भी मानती थीं।
वर्ष 2015 में जब चो रामास्वामी बीमार हुए तो अम्मा उनसे मिलने गईं। अम्मा ने उनसे कहा कि वह जल्द वापस लौटें क्योंकि उन्हें रामास्वामी की जरूरत है।
ठीक एक वर्ष रामास्वामी वापस लौटे तो लेकिन उस अस्पताल में जहां उनकी दोस्त ने अंतिम सांस ली थी।
रामास्वामी शायद अकेले ऐसे पुरुष थे जिन्हें जयललिता पसंद करती थीं और ही मुश्किल घड़ी में उनकी सलाह लेती थीं। एक समय ऐसा था जब पुलिस ने अम्मा को चेतावनी दी थी कि उन्हें नुकसान पहुंचाने की साजिश हो रही है।
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तमिलनाडु छोड़ने को तैयार थीं अम्मा
उस समय जया ने तमिलनाडु छोड़ने का फैसला कर लिया था। रामास्वामी ने उन्हें कहा कि यह उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की उन्हें डराने की साजिश हो सकती है। चो ने तब अम्मा से कहा कि उन्हें चेन्नई में ही रहकर लड़ना चाहिए।
जयललिता हालांकि चेन्नई छोड़कर चली गईं। वह उस समय वापस लौटीं जब करुणानिधि सरकार को लिट्टे की मदद करने के लिए निरस्त कर दिया गया था। जब वह वापस लौटीं तो चो उन्हें लेने के लिए एयरपोर्ट गए थे।
जयललिता, सिर्फ चो को ही एक बौद्धिक व्यक्ति मानती थीं और दोनों की केमेस्ट्री काफी अच्छी थी।
चो की मैगजीन तुगलक द्रमुक की हमेशा आलोचक रही थी और इस वजह से अम्मा की पार्टी अन्नाद्रमुक को काफी मदद मिली थी।
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दोनों के बीच बिगड़े थे रिश्ते
दोनों के बीच हालांकि रिश्ते बीच में कुछ बिगड़ गए थे जब अम्मा की पार्टी के एक विधायक को मैगजीन के वार्षिक सम्मेलन के लिए बुलाया गया था।
अन्नाद्रमुक के विधायक पाला कुरुपिया ने राज्य में मौजूद भ्रष्टाचार के लिए सरकार को लताड़ लगाई थी जिसकी वजह से अम्मा काफी नाराज हो गई थीं। उन्होंने चो से बात तक करना बंद कर दिया था।
कुछ समय बाद दोनों में तनाव कम हुआ और दोनों के बीच फिर से बातचीत शुरू हो गई।
जब चो को सांस की तकलीफ की वजह से अस्घ्पताल में भर्ती कराया गया था तो जयललिता ने उनसे मुलाकात की।
तब अम्मा ने कहा कि उन्हें वापस लौटना पड़ेगा। जहां जयललिता का निधन सोमवार की रात 11:30 बजे हुआ तो उनके दोस्त चो ने भी 12 घंटे बाद इसी समय पर अपनी आखिरी सांस ली।