अगर यह जानेंगे तो कभी नहीं कहेंगे ठंड मतलब कोका-कोला
नई दिल्ली। कोका-कोला आज लोगों का शौक नहीं बल्कि उनकी आदत बन चुका है, बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसके दिवाने हैं, अक्सर लोगों को हैरानी होती है कि आखिर इसमें ऐसा क्या होता है कि लोग इसे आशिकों की तरह चाहते हैं इस बारे में शोध पिछले 129 साल से चल रहा है लेकिन आज तक कोई इसके राज को जान नहीं पाया है।
लेकिन कोका-कोला के बारे में में सबसे चौंकाने वाला खुलासा किया है ब्रिटेन के पूर्व फार्मासिस्ट नीरज नाइक ने, जिन्होंने 'दी रेनिगेड फार्मासिस्ट' नाम के ब्लॉग में कोको-कोला से जुड़ी हुई गंभीर बातें लिखी हैं जो सीधे-सीधे इंसान के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं।
नाइक ने एक चार्ट बनाया है जिसमें यह दर्शाया गया है कि एक गिलास कोको-कोला किसी तरह से इंसान की सेहत को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाता है। देखें ब्लॉग
नाइक के मुताबिक एक कोक और 60 मिनट और उसके बाद...
पहले
10
मिनट:
आप
अगर
एक
कोक
पीते
हैं
तो
सीधे
तौर
पर
आप
10
चम्मच
शूगर
खा
लेते
है
जो
सीधे
तौर
पर
नुकसानदेह
है,
इसके
अंदर
फास्फोरिक
एसिड
होता
है
जिसके
कारण
इंसान
को
पता
ही
नहीं
चलता
कि
वो
कोक
के
जरिये
शूगर
का
सेवन
कर
रहा
है।
20
मिनट
बाद:
जब
बॉडी
में
कोक
पहुंचता
है
तो
लीवर
बढ़ी
इंसुलिन
को
वसा
में
बदल
देता
है।
40
मिनट
बाद:
जब
वसा
बनने
लगता
है
तो
ब्लड
प्रेशर
बढ़
जाता
है,
मस्तिष्क
में
खून
की
कमी
होती
है
और
इंसान
शिथिल
हो
जाता
है,
उसे
नींद
आने
लगती
है
या
फिर
आलस्य
महसूस
होने
लगता
है।
45
मिनट
बाद:
शरीर
डोपामाइन
का
उत्पादन
बढ़ा
देता
है
जिससे
ब्रेन
का
वो
हिस्सा
ज्यादा
सक्रिय
हो
जाता
है
जिससे
इंसान
खुश
होता
है,
वो
हंसने
लगता
है,
उसका
मूड
सही
हो
जाता
है।
60 मिनट बाद: अब तक आपकी बॉडी की लोउर इंटेसटाइन में कैल्शियम,मैग्निशियम और जिंक की मात्रा बहुत ज्यादा हो चुकी होती है जिससे इंसान बार-बार यूरिन के लिए जाता है और बॉडी से कैल्शियम,मैग्निशियम और जिंक बाहर चला जाता है जिसे कि आपकी हड्डियों में जाना चाहिए था। आपकी बॉडी में हो रही इस कमी से इंसान को गुस्सा, चिड़चिड़ापन, आलस्य, मोटापा और अनिद्रा जैसी बीमारियां होने लगती हैं।
नाइक ने साफ तौर पर कोका-कोला को सेहत के लिए हानिकारक कहा है जबकि कोका-कोला कंपनी ने नाइक के सारे दावों को गलत और बेबुनियाद करार दिया है।