26/11 आतंकी हमलों के बाद भी समुद्री तटो की सुरक्षा रामभरोसे
मुंबई। पूरा देश आज मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों में मारे गये लोगों को अपनी श्रद्धांजली दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले में मारे गये लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त किया है साथ ही सार्क देशों के सम्मेलन में भी इस मुद्दो को उठाया है। लेकिन इससे इतर जिस समुद्री रास्ते से आतंकी मुंबई में दाखिल हुए थे उसकी सुरक्षा के लिए पेट्रोलिग करने वाले दस्ते को राज्य सरकार के पास ईधन नहीं है।
दरअसल मुंबई के आतंकी हमलों के बाद समुद्री सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए 72 हाईएंड स्पीड की नावों को तटों पर तैनात किया गया था। जिससे की दुबारा आतंकी समुद्री रास्तों से फिर ना दाखिल हो सके। महाराष्ट्र पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार से दो साल पहले इन नावों के लिए अतिरिक्त ईधन की मांग की थी जिसे आजतक नहीं स्वीकार किया जा सका है।
इसके साथ ही कई नांवों में तकनीकी खराबी आ गयी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन नावों के सही कराने के लिए हमें रुपयों की जरूरत है लेकिन सरकारी स्तर पर फंड पाने की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी है। जिसके चलते ये नावें बंद पड़ी हैं। 720 किलोमीटर लंबे समुद्री तट को सुरक्षा देने के लिए सरकार ने 2010 में 30 करोड़ रुपए खर्च किए थे। सूत्रों की माने तो दो पेट्रोल की कमी के चलते ये नावें पेट्रोलिंग नहीं करती है। साथ ही जब कभी अलर्ट जारी होता है तभी ये नावें पेट्रोलिंग करती हैं।
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 में समुद्री रूट से ही 10 पाकिस्तानी मुंबई में दाखिल हुए थे। जिसमें 166 आम लोग और 18 पुलिस वालों नें अपनी जान गंवायी थी। यही नहीं कई लोग इस हमले में घायल हुए थे साथ ही करोड़ो रुपए की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा था। लेकिन इस घटना के बाद समुद्री तटों की सुरक्षा जिस तरह रामभरोसे छोड़ी गयी है उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार ने उस आतंकी हमलों से क्या सीखा है।