जितने उरी हमले में नहीं मरे उससे ज्यादा नोटबंदी से मर गए: आजाद
गुलाम नबी आजाद के उरी हमले से ज्यादा नोटबंदी के कारण मौतों की बात कहने पर हंगामा।
नई दिल्ली। राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के नोटबंदी के फैसले को उरी में आतंकी हमले से ज्यादा जान लेने वाला कहे जाने पर भाजपा नेताओं ने जमकर हंगामा करत हुए उनसे माफी की मांग की है।
देश में नोटबंदी को लेकर राज्यसभा में बुधवार को छह घंटे चर्चा हुई थी लेकिन गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शोर-शराबे के कारण नहीं हो सकी।
एक तरफ जहां विपक्ष पीएम को सदन में बुलाने की मांग पर अड़ा रहा तो वहीं सत्ता पक्ष के लोगों ने राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद के बयान पर उनसे माफी की मांग को लेकर हंगामा किया।
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नोटबंदी पर चर्चा के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी की गलत नीति के कारण देश में 40 लोगों को मारे गए हैं, जो उरी के आतंकी हमले में जान देने वाले 20 सैनिकों से दोगुना है।
आपको बता दें कि 18 सितंबर को कश्मीर के उरी में आतंकी हमले में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। गुलाम नबी आजाद के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ा एतराज जताया।
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आजाद के बयान को कहा, राष्ट्र का अपमान
वैंकेया नायडू ने इस बयान के लिए गुलाम नबी आजाद से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने आजाद की बात को राष्ट्र का अपमान कहा है।
सत्ता पक्ष के सदस्यों के गुलाम नबी आजाद से माफी मांगने की बात को कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने नकार दिया। उन्होंने कहा कि आजाद को इस पर माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।
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गुरूवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामा रहा। लोकसभा में सिर्फ प्रश्नकाल में ही कार्यवाही चली तो वहीं राज्यसभा में पूरे दिन कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
इससे पहले बुधवार को विपक्ष को राज्यसभा में लंबी बहस चली थी। विपक्ष के नेताओं ने बुधवार को ही नोटबैन पर प्रधानमंत्री के सदन में बात रखने की मांग की थी।
नोटबैन बन चुका है जनता के जी का जंजाल
पीएम मोदी ने 8 नवंबर को ये घोषणा की थी कि 9 नवंबर से 1000 और 500 के नोट देश में नहीं चलेंगे। इसके फैसले के बाद से देश में कैश की भारी कमी है, बैंकों के सामने लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है।
नोटबंदी के फैसले के बाद पिछले 9 दिन में 40 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जिसकी वजह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नोटबैन है। इसको लेकर विपक्षी पार्टियां सड़क से संसद तक विरोध जता रही हैं।
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एक तरफ संसद में विपक्ष ने नोटबैन को लेकर हंगामा किया तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरूवार को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया।
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