राजीव गांधी की हत्या की साजिश के बारे में 5 साल पहले से ही जानती थी अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से 5 साल पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने इस बात की आशंका एक रिपोर्ट में जाहिर कर दी थी।
नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से 5 साल पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने इस बात की आशंका एक रिपोर्ट में जाहिर कर दी थी। सीआईए की तरफ से हाल में ही जारी किए गए गोपनीय दस्तावेजों में यह बात सामने आई है।
इंडिया ऑफ्टर राजीव नाम से रिपोर्ट में हुआ नया खुलासा
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की तरफ से इंडिया ऑफ्टर राजीव नाम से रिपोर्ट तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट में राजीव गांधी की हत्या और उनके भारतीय राजनीति से अचानक ही गायब होने की आशंका जाहिर की गई थी। इंडिया ऑफ्टर राजीव गांधी नाम से तैयार की गई रिपोर्ट में इससे भारत में पड़ने वाले असर के बारे में भी चर्चा है।
वर्ष 1986 में तैयार हो गई रिपोर्ट
23 पेज की इंडिया आफ्टर राजीव नाम से तैयार की गई रिपोर्ट में मार्च, 1986 में लोगों से अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए से प्रतिक्रिया मांगी गई थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की तरफ से करीब 1.2 करोड पेज के 9.30 लाख गोपनीय दस्तावेजों को पब्लिक जोन में रख दिया गया है। इस रिपोर्ट को जनता के सामने रखने से पहले ही इसके कई हिस्सों को मिटा दिया गया है। इस रिपोर्ट को जनवरी 1986 तक की जानकारी और सीआईए अधिकारियों की तरफ उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया था। इंडिया आफ्टर राजीव नाम की रिपोर्ट के पहले पेज पर ही लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी को वर्ष 1989 में कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उनकी हत्या किए जाने की आशंका है। Read more: सीआईए की रिपोर्ट: राजीव गांधी को 'शर्मिंदगी' से बचाने के लिए स्वीडन ने बोफोर्स जांच को रोका
21 मई, 1991 को हुई राजीव गांधी की हत्या
आपको बता दें कि इस रिपोर्ट के तैयार होने के पांच साल बाद ही तमिलनाडु के श्रीपेरमबदुर में 21 मई, 1991 को मानवबम के जरिए हत्या कर दी गई थी। सीआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजीव गांधी की हत्या के अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। साथ ही राजीव गांधी की हत्या के बाद भारत-अमेरिका, भारत-रूस के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर राजीव गांधी की हत्या किसी कश्मीरी मुस्लिम या सिख की तरफ से की जाती है तो भारत के अंदर व्यापक सुरक्षा इंतजाम के बावजूद बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा फैल सकती है। पर रिपोर्ट में इसके बाद के हिस्से को मिटा दिया गया है। असल में यह भी जांच का विषय है।
कौन बनेगा अगला प्रधानमंत्री आया सामने
सीआईए की इस रिपोर्ट में इस बात को कहा गया है कि अगर राजीव गांधी की हत्या होती है तो उनकी जगह पर विश्वनाथ प्रताप सिंह और पीवी नरसिम्हा राव उनकी जगह ले सकते हैं। राजीव गांधी की हत्या के बाद नरसिम्हा राव वर्ष 1991 में देश के प्रधानमंत्री बने थे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राजीव गांधी की स्वाभाविक मौत हो सकती है या फिर वह दुर्घटना में मारे जा सकते हैं। सीआईए ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर ज्यादा जोर दिया था कि भारत की सत्ता से हट जाने के बाद राजीव गांधी और उनके परिवार को निशाना बनाया जा सकता है।Read more: पाकिस्तान को जवाब देने के लिए राजीव गांधी सरकार में 36 वैज्ञानिक कर रहे थे हाइड्रोजन बम तैयार