चीनी विदेश मंत्री ने मोदी और सुषमा से की मुलाकात, राजनयिक ने मुलाकात को बताया परिपक्वता
नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर भारत को अपने पाले में करने के लिए चीन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। शनिवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
इससे पहले चीनी राजनयिक ने कोलकाता में कहा कि वांग यी की यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की परिपक्वता प्रदर्शित करती है।
दक्षिण चीन सागर विवाद से दूर रहे भारत: चीनी मीडिया
चीनी राजनयिक मा झांवू ने बताया कि 'यह यात्रा हमारे संबंधों की परिपक्वता को दर्शाती है। इससे पता चलता है चर्चा और संवादों को जारी रखने के लिए है बहुत गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि साझा हितों के आगे मतभेद बहुत दूर हैं।' झांवू ने कहा कि हमारे रिश्ते मजबूत हैं और मतभेद कोई नई बात नहीं हैं।
सुषमा से की मुलाकात
वांग यी शनिवार को ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की। सुषमा और वांग की मुलाकात के संबंध में पूछे जाने पर झांवू ने बताया कि वो भारत और चीन के साझा हितों पर बात करेंगे।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं लेकिन कहा कि हमारे लिए रिश्ते जरूरी हैं, न कि मतभेद।
गोवा से शुरू की यात्रा
इससे पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने तीन दिवसीय यात्रा की शुरूआत गोवा से की जहां ब्रिक्स सम्मेलन संपन्न होना है। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत दक्षिण चीन सागर पर अपना रुख साफ करे।
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जब उनसे यह पूछा गया कि क्या भारत दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर चीन का समर्थन करेगा उस पर वांग ने जवाब दिया था कि यह भारत पर निर्भर है कि उसका फैसला क्या होगा।
धमकाने वाली मुद्रा में थी चीनी मीडिया
वहीं वांग की यात्रा से एक दिन पहले ही चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लगभग धमकाने वाली मुद्रा में कहा था कि यदि भारत विवाद से बचना चाहता है तो वो इस मुद्दे में न पड़े। गौरतलब है कि चीन फिलहाल दक्षिण चीन पर बुरी तरह से उलझा हुआ है।
दक्षिण चीन सागर पर अपना रुख स्पष्ट करें भारत: वांग यी
उस पर हेग अंतरराष्ट्रीय अदालत के उस फैसले को मानने का वैश्विक दबाव बनाया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का अधिकार नहीं है।