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दिल्ली जैसा ही बुरा हाल था बीजिंग का, चीन से भारत क्यों नहीं लेता सबक?

2015 में बीजिंग का प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचा। चीन ने किए ठोस उपाय।

By Rajeevkumar Singh
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दिल्ली। प्रदूषण की वजह से दिल्ली की हवा बेहद खराब हो चुकी है, वातावरण में गहरी धुंध है और लोग बीमार होकर हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। ठीक इसी तरह से चीन की राजधानी बीजिंग में भी हुआ था जहां धूल और प्रदूषण की वजह बहुत बुरी स्थिति हो गई थी।

लेकिन चीन ने ऐसे कई उपाय अपनाए जिससे प्रदूषण का स्तर कम हुआ। आखिर भारत क्यों नहीं ले रहा चीन से सबक?

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2013 में प्रदूषण पर चीन नींद से जागा

2013 में प्रदूषण पर चीन नींद से जागा

विकास के कई बरसों के दौरान बीजिंग में गगनचुंबी इमारतों के साथ सड़कों पर गाड़ियों की भरमार हो गई। कार के धुएं और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की धूल से जब बीजिंग की हवा में जहर घुल गया, आकाश में धुंध छाने लगे और लोगों को चेहरे पर मास्क चढ़ गए, तब जाकर चीन की नींद खुली। चीन ने इसके बाद प्रदूषण पर कंट्रोल करना शुरू किया।

चीन ने बीजिंग के प्रदूषण पर कैसे किया कंट्रोल?

चीन ने बीजिंग के प्रदूषण पर कैसे किया कंट्रोल?

2013 में सबसे पहले चीन, प्रदूषण को लेकर एक वार्निंग सिस्टम लेकर आया। इसके बाद वहां की सरकार ने ऐसे कई उपाय किए जिससे बीजिंग के प्रदूषण को कम करने में मदद मिली।

2015 में चीन में प्रदूषण को लेकर हाई अलर्ट रहा। स्कूलों को बंद रखा गया। कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाई गई और ऑड-इवेन फॉर्मूले के तहत सड़कों पर से गाड़ियों को कम किया गया।

इस साल चीन ने बीजिंग की सड़कों पर से 10 साल पुरानी लगभग साढ़े तीन लाख कारों को हटाने में सफलता पाई। लोगों को नई कार खरीदने में सरकार ने पैसों की मदद दी और पुरानी कारों को रिप्लेस करवाया।

इस कदम से चीन सरकार को बीजिंग की हवा में 40,000 टन प्रदूषित कणों के घुलने से रोकने में सफलता मिली।

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दिल्ली का हाल बीजिंग जैसा ही खतरनाक!

दिल्ली का हाल बीजिंग जैसा ही खतरनाक!

जैसा बुरा हाल बीजिंग का पिछले साल हुआ था, इस साल दिल्ली का भी वैसा ही बुरा हाल है। यहां भी दीवाली के आसपास प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है लेकिन यहां की सरकार चीन की तरह कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जरूर कुछ उपायों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर धूल हटाने के लिए वैक्यूम डस्ट कंट्रोल के उपाय किए जाएंगे, जेट से पानी छिड़का जाएगा और राजधानी में एयर प्यूरिफायर लगाए जाएंगे।

प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कर रहा है भारत?

प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कर रहा है भारत?

चीन की तरह ही भारत की ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने भी राजधानी की सड़कों पर से पुरानी कारों को हटाने का प्लान इसी साल मई में बनाया है । इस योजना के तहत 11 साल पुरानी कार के मालिकों को नई कार खरीदते समय एक्साइज ड्यूटी पर 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।

लेकिन प्रदूषण स्तर के खराब स्तर पर पहुंचने के बावजूद इस योजना को अभी केंद्र की मंजूरी नहीं मिली है, जिस वजह से इसे लागू नहीं किया जा सका है।

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English summary
The bad air of Delhi is in alarming situation but India has not taken any strong measures to tackle the pollution menace as China did in Beijing.
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