अरुणाचल बॉर्डर के पास चीनी सेना ने 11 घंटे तक किया युद्धाभ्यास, टैंक-ग्रेनेड का इस्तेमाल
जानकारी के मुताबिक, चीन के सरकारी चैनल ''चाइना सेंट्रल टेलीविजन'' ने 14 जुलाई को ड्रैगन की सेना की ड्रिल के बारे में जानकारी दी।
नई दिल्ली। सिक्किम में सीमा विवाद को लेकर चल रहे टकराव के बीच चीन ने तिब्बत में दूसरी बार कड़ा युद्धाभ्यास किया है। पिछली बार ड्रैगन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने सबसे आधुनिक टैंकों के साथ वॉर ड्रिल की थी, तो इस बार 11 घंटे की लाइव-फायर एक्सरसाइज की है।
बॉर्डर पर चीन का युद्धाभ्यास
जानकारी के मुताबिक, चीन के सरकारी चैनल ''चाइना सेंट्रल टेलीविजन'' ने 14 जुलाई को ड्रैगन की सेना की ड्रिल के बारे में जानकारी दी। चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने सोमवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया, ''पीएलए की तिब्बत मिलिट्री कमांड की ब्रिगेड ने इस ड्रिल में हिस्सा लिया, जो चीन की दो अहम माउंटेन ब्रिगेड में से एक है।"
ड्रिल के दौरान एंटी-टैंक ग्रेनेड्स और मिसाइलों का इस्तेमाल
इस ड्रिल के दौरान चीनी सैनिकों ने बंकरों को नष्ट करने के लिए एंटी-टैंक ग्रेनेड्स और मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इसके अलावा सैनिक एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी के जरिये टारगेट को निशाना बनाने का अभ्यास किया गया। चीनी सैनिकों ने तिब्बत के जिस स्थान पर यह युद्धाभ्यास किया है, वह अरुणचल प्रदेश के बेहद करीब है।
सिक्किम में चल रहा है चीन-भारत टकराव
सिक्किम के डोकलाम इलाके में 9 जुलाई से भारतीय सेना ने तंबू गाड़ रखे हैं। इसका मतलब है कि इंडियन आर्मी ने भी इलाके में लंबे वक्त तक रुकने का फैसला किया है। वहीं, चीन धमकी दे रहा है कि अगर भारत पीछे नहीं हटा तो उसे शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी। चीनी मीडिया भारत को 62 के युद्ध से भी बड़ी कीमत चुकाने और कश्मीर में अपनी सेना भेजे की चेतावनी भी दे चुका है।
डोकलाम में 16 जून से चल रहा टकराव
डोकलाम में 16 जून से भारतीय और चीनी सेना के बीच टकराव चल रहा है। विवाद तब शुरू हुआ, जब भारतीय सेना ने ट्राई जंक्शन के पास चीन को सड़क बनाने से रोका। इसके बाद चीन और भारत के सैनिकों के बीच हाथापाई भी हुई।
क्यों भड़का है चीन
दरअसल, जिस जगह को लेकर टकराव चल रहा है, वह भूटान का इलाका है। भारत-भूटान की संधि के मुताबिक भारतीय सेना इस क्षेत्र की सुरक्षा करती है। चीन लगातार यहां अतिक्रमण कर रहा है, जिसका भूटान विरोध करता रहा है। चीन का आरोप है कि भारत को भूटान के मामले में दखल नहीं देना चाहिए, जबकि भारत का कहना है कि यह भारत-भूटान के बीच का मामला है, जिससे चीन का कोई लेना-देना नहीं है।