सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे टीएस ठाकुर के पांच ऐतिहासिक फैसले
जस्टिस टीएस ठाकुर भले रिटायर हो गए हों लेकिन उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। चलिए नजर डालते हैं चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के पांच अहम फैसलों पर...
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर मंगलवार को अपने पद से रिटायर हो गए हैं। मुख्य न्यायाधीश रहने के दौरान टीएस ठाकुर का अंदाज बेहद खास रहा। इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। इन फैसलों में उन्होंने तल्ख टिप्पणियां करने से भी नहीं हिचके। चाहे सरकार से जुड़े मामले हों या फिर आम जनता से...उन्होंने बेबाकी से अपना फैसला सुनाया। टीएस ठाकुर के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस जेएस खेहर भारत के नए मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी संभालेंगे। जस्टिस टीएस ठाकुर भले ही रिटायर हो गए हों लेकिन उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। चलिए नजर डालते हैं चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के पांच अहम फैसलों पर...
1-
रिटायरमेंट
से
एक
दिन
पहले
यानी
दो
जनवरी
2017
को
चीफ
जस्टिस
टीएस
ठाकुर
ने
चुनावों
को
लेकर
ऐतिहासिक
फैसला
सुनाते
हुए
कहा
कि
धर्म
और
जाति
के
आधार
पर
वोट
मांगना
गलत
है।
हिंदुत्व
केस
में
सुप्रीम
कोर्ट
ने
भाषा
और
समुदाय
के
नाम
पर
भी
वोट
मांगने
को
गैर-कानूनी
करार
दिया
है।
सुप्रीम
कोर्ट
के
सात
जजों
की
संवैधानिक
पीठ
ने
ये
फैसला
सुनाया
है।
4-3
के
बहुमत
से
ये
फैसला
आया
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
फैसले
में
साफ
किया
है
कि
अगर
कोई
भी
उम्मीदवार
चुनाव
में
धर्म,
जाति,
भाषा
या
फिर
समुदाय
के
नाम
वोट
मांगता
है
तो
ये
गैरकानूनी
है।
जन-प्रतिनिधियों
को
अपना
कामकाज
धर्मनिरपेक्षता
के
आधार
पर
ही
करना
चाहिए।
2-
02
जनवरी
को
ही
मुख्य
न्यायाधीश
टीएस
ठाकुर
ने
बीसीसीआई
के
अध्यक्ष
अनुराग
ठाकुर
को
जोरदार
झटका
देते
हुए
उन्हें
बीसीसीआई
के
अध्यक्ष
पद
से
हटा
दिया।
बीसीसीआई
के
सचिव
अजय
शिर्के
को
भी
उनके
पद
से
हटाया
गया।
लोढ़ा
कमेटी
की
सिफारिशों
में
रोड़े
अटकाने
के
मामले
में
कोर्ट
ने
ये
फैसला
सुनाया।
सुप्रीम
कोर्ट
की
ओर
से
की
गई
तल्ख
टिप्पणी
में
कहा
गया
कि
जिन्होंने
भी
लोढ़ा
पैनल
की
सिफारिशें
मानने
से
इंकार
किया,
उन्हें
अपने
पद
से
हटना
होगा।
3-
चीफ
जस्टिस
टीएस
ठाकुर
ने
15
दिसंबर
2016
को
अहम
फैसला
सुनाते
हुए
नेशनल
हाइवे
और
स्टेट
हाइवे
पर
शराब
की
दुकानों
को
बंद
का
आदेश
दिया
है।
इसके
साथ
ही
अदालत
ने
हाइवे
पर
शराब
की
बिक्री
पर
रोक
लगा
दी
है।
सीधे
शब्दों
में
कहें
तो
अब
हाइवे
पर
शराब
नहीं
मिलेगी।
हाइवे
पर
शराब
की
दुकानों
को
हटाने
की
आखिरी
समय
सीमा
अप्रैल
रखी
है।
4-
मुंबई
में
मीट
बैन
को
लेकर
मचे
हंगामे
को
लेकर
18
सितंबर
2015
में
मुख्य
न्यायाधीश
टीएस
ठाकुर
और
जस्टिस
कुरियन
जोसेफ
की
बेंच
ने
अहम
फैसला
सुनाया
था।
सर्वोच्च
अदालत
ने
मीट
बैन
पर
रोक
से
इंकार
किया
था।
जैन
समुदाय
के
पर्यूषण
पर्व
के
दौरान
मुंबई
में
मांस
की
बिक्री
पर
प्रतिबंध
के
फैसले
पर
रोक
लगाने
के
बंबई
हाईकोर्ट
के
फैसले
पर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
रोक
लगाने
से
इंकार
कर
दिया
था।
उस
समय
कोर्ट
की
ओर
से
टिप्पणी
की
गई
थी
कि
बैन
किसी
के
गले
में
नहीं
ठूंसा
जा
सकता
है।
5-
फरवरी
2015
में
चीफ
जस्टिस
टीएस
ठाकुर
की
बेंच
ने
इस्लाम
में
बहुविवाह
पर
उठे
विवाद
में
फैसला
सुनाते
हुए
कहा
था
कि
किसी
भी
धर्म
में
बहुविवाह
मान्य
नहीं
है।
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जेएस
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