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प्रकृति की वजह नुकसान झेलने को मजबूर पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु!

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नई दिल्‍ली। तमिलनाडु में बारिश की वजह से अब तक करीब 270 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन अगर प्राकृति आपदा से होने वाली मौतों की बात करें तो तमिलनाडु या चेन्‍नई नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल का नाम सबसे ऊपर आता है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक रिपोर्ट तो कम से कम यही कहती है।

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थोड़ा ही अंतर

रिपोर्ट की मानें तो पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु दोनों ही राज्‍य प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के मामले में एक दूसरे से चंद कदम ही आगे-पीछे हैं। जहां पश्चिम बंगाल का नंबर इस लिस्‍ट में पहला है तो तमिलनाडु लिस्‍ट में दूसरे नंबर पर आता है। विशेषज्ञों की मानें तो देश के कई हिस्‍सों में आपदा प्रबंधन की ओर से दिए गए प्रस्‍तावों को लागू करना बहुत जरूरी है।

चेन्‍नई की तस्‍वीर

  • रिपोर्ट के मुताबिक दोनों राज्‍य देश में प्राकृतिक आपदा से होने वाली करीब 30 प्रतिशत मौतों के जिम्‍मेदार हैं।
  • अगर प्राक‍ृतिक आपदा की वजह से संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाए तो यह आंकड़ा करीब 75 प्रतिशत है।
  • तमिलनाडु में जिंदगी और संपत्ति दोनों के ही नुकसान में इजाफा हुआ है।
  • वर्ष 2012-2013 में तमिलनाडु में प्राकृति आपदा की वजह से 15 मौतें हुईं।
  • वहीं इसी वर्ष 5,000 घर प्राकृतिक आपदा की वजह से उजड़ गए थे।
  • रिपोर्ट तैयार करते समय तूफान, भूकंप और बारिश की वजह से हुई मौतों को ध्‍यान में रखा गया।

पश्चिम बंगाल का हाल

  • पश्चिम बंगाल की बात अगर करे तो यहां भी प्राकृतिक आपदा से हुई मौत के आंकड़ें में इजाफा हो रहा है।
  • वर्ष 2014-2015 में यहां पर प्राकृतिक आपदा की वजह से 169 लोगों की मौत हुई थी।
  • इसी दौरान 3,300 घर पूरी तरह से तबाह हो गए थे।
  • वर्ष 2015-2016 में आठ लाख घरों को नुकसान हुआ।
  • मौत का आंकड़ां बढ़कर 193 पर पहुंच गया था।
  • गृह मंत्रालय के मुताबिक कई वजहों ने इन आंकड़ों में इजाफा किया।

तेजी से बढ़ता कंस्‍ट्रक्‍शन जिम्‍मेदार

चेन्‍नई के वेलाचेरी, पल्‍लीकरारानाई और ओल्‍ड महाबलिपुरम में करीब 5,550 हेक्‍टेयर भूमि वेटलैंड के तौर पर है। इस वेटलैंड को आज कमर्शियल लैंड के तौर पर प्रयोग किया जाने लगा है।

वेटलैंड पर कई बिल्डिंग्‍स बन गई हैं लेकिन पानी कैसे निकलेगा इस बात का ध्‍यान किसी ने रखा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कंस्‍ट्रक्‍शन को कम करने की सख्‍त जरूरत है।

उनका कहना है कि तेजी से बढ़ते कंस्‍ट्रक्‍शन ने पहले ही बहुत नुकसान कर डाला है। लेकिन भविष्‍य में अथॉरिटीज को और भी सतर्क रहने की जरूरत है।

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English summary
When it comes to losses due to natural disasters, Tamil Nadu and West Bengal top the list. A home ministry report says so.
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