आरटीआई पर केंद्र का जवाब, 1945 के विमान हादसे में हुई थी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत
हालांकि केंद्र की तरफ से दिए गए इस जवाब पर विवाद भी शुरू हो गया है।
नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत को लेकर तमाम तरह के दावों और बातों को दरकिनार करते हुए केंद्र सरकार ने एक आरटीआई का जवाब देते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत साल 1945 में ताइवान में हुए एक विमान हादसे में हुई थी।
सायक सेन नाम के शख्स ने मार्च में एक आरटीआई दायर कर गृह मंत्रालय से पूछा था कि नेताजी की मौत कब हुई। इसके जवाब में मंत्रालय ने नेताजी की मौत 1945 के विमान हादसे में होना बताई है। हालांकि केंद्र की तरफ से दिए गए इस जवाब पर विवाद भी शुरू हो गया है। बोस के परिवार और विपक्ष के कई दलों ने बिना किसी सुबूत के इस तरह का जवाब देने पर सवाल उठाए हैं।
किसी
निष्कर्ष
पर
नहीं
पहुंची
है
नेताजी
की
मौत
की
जांच
बोस
के
परिवार
के
लोगों
के
अनुसार,
बीते
साल
नेताजी
की
मौत
की
पाइलें
सार्वजनिक
की
गईं
थी
लेकिन
उनकी
मौत
को
लेकर
किसी
निष्कर्ष
पर
अभी
तक
नहीं
पहुंचा
गया
है।
फाइलों
की
छानबीन
अभी
चल
रही
है।
कई
लोगों
का
दावा
है
कि
नेताजी
की
मौत
विमान
हादसें
में
नहीं
हुई
थी
और
ऐसा
कहने
की
कई
माकूल
वजहें
भी
हैं।
बीते साल जापान सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि 18 अगस्त 1945 को विमान हादसे में बुरी तरह से घायल होने के बाद ताइपेई के एक हॉस्पिटल में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत हो गई थी और 22 अगस्त को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गय था।
वहीं अपने जीवन के आखिरी दस वर्ष अयोध्या और फैजाबाद में बिताने वाले एक गुमनामी बाबा के बोस होने को लेकर भी कई दावे किए गए थे। उनके जीवन काल में भी कई ऐसे लोग थे जिनका मानना था कि राम भवन में रहने वाले बाबा कोई और नहीं नेताजी ही हैं।