केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, अभी असंभव है लोकपाल की नियुक्ति
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोकसभा मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता विपक्ष नहीं मानती।
नई दिल्ली। एक गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति के मामले में अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने दोनों पक्षों को सुना।
इस दौरान केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाए गए कि वो इस मामले में दखल दे रहे हैं। वहीं केद्र सरकार की ओर से अदालत में मौजूद अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि मौजूदा हालात में लोकपाल की नियुक्ति करना नामुमकिन है।
नहीं है कोई नेता विपक्ष
उन्होंने कहा कि लोकपाल में मामले में सबसे पहली चीज है कि लोकसभा में नेता विपक्ष कौन है? मौजूदा हालात में कोई नेता विपक्ष नहीं है।
रोहतगी ने कहा कि लोकसभा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्ष का नेता मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सत्र में बजट प्राथमिकता में है, ऐसे में लोकपाल का मुद्दा संभवतः मॉनसून सत्र में उठाया जाए।
दूसरी ओर याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से अदालत में मौजूद वरिष्ठ वकील शांति भूषण इससे सहमत नहीं हुए। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई मंशा ही नहीं है कि कोई स्वतंत्र संस्था हो जो मंत्रियों की जांच कर सके।
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