यूपी में एक ही रूट पर रेल हादसों के पीछे साजिश का शक, CBI को सौंपी गई जांच
रेलवे के पेट्रोलिंग स्टाफ ने पाया कि फर्रूखाबाद और कानपुर के अनवरगंज के में एक जनवरी को कल्याणपुर और मंधाना रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक से फिशिंग प्लेट गायब थीं।
नई दिल्ली। कानपुर के आसपास के ट्रैक पर लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं से चिंतित भारतीय रेलवे ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। उत्तर प्रदेश में चुनावों के ऐलान के बीच केंद्र सरकार का यह कदम एक बड़ा दांव साबित हो सकता है। रेलवे ने किसी भी तरह की साजिश का पता लगाने के लिए सीबीआई को मामला सौंप दिया है। कानपुर के पास हुए हादसों में रेल ट्रैक से फिशिंग प्लेट और इलैस्टिक क्लिप गायब थीं। हादसों के पीछे किसी की साजिश की आशंका से रेलने ने यह कदम उठाया है।
दो
स्टेशनों
के
बीच
रेलवे
ट्रैक
में
गड़बड़ी
कानपुर
में
20
नवंबर
को
इंदौर-पटना
एक्सप्रेस
और
28
दिसंबर
को
स्यालदाह
अजमेर
एक्सप्रेस
के
पटरी
से
उतरने
की
घटना
की
जांच
के
दौरान
एक
ही
जैसी
स्थिति
पाई
गई।
रेलवे
के
पेट्रोलिंग
स्टाफ
ने
पाया
कि
फर्रूखाबाद
और
कानपुर
के
अनवरगंज
के
में
एक
जनवरी
को
कल्याणपुर
और
मंधाना
रेलवे
स्टेशन
के
बीच
ट्रैक
से
फिशिंग
प्लेट
गायब
थीं।
कुछ
जगहों
पर
रेलवे
ट्रैक
को
भी
तोड़ने
की
कोशिश
की
गई
थी।
इस
तरह
के
चीजें
मिलने
पर
रेलवे
ने
किसी
तरह
की
अनहोनी
से
बचने
के
लिए
तत्काल
मामले
की
जांच
सीबीआई
को
सौंप
दी।
एक
अधिकारी
ने
बताया
कि
सीबीआई
जांच
में
अगर
घटनाओं
के
पीछे
एक
जैसे
कारण
मिलते
हैं
तो
सच
का
खुलासा
हो
जाएगा।
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सबसे
सुरक्षित
कहे
जाने
वाले
ट्रैक
पर
भी
हादसा
28
दिसंबर
को
हुए
हादसे
ने
रेलवे
को
बड़ा
झटका
दिया।
दिल्ली-हावड़ा
रूट
पर
हुए
हादसे
ने
रेलवे
को
एक
बार
फिर
चौंका
दिया
क्योंकि
यह
रूट
सबसे
सुरक्षित
माना
जाता
है
और
इस
पर
राजधानी-शताब्दी
जैसी
ट्रेनें
चलती
हैं।
रेलवे
सेफ्टी
कमिश्नर
इस
मामले
की
जांच
कर
रहे
हैं
लेकिन
ज्यातर
लोगों
का
मानना
है
कि
इन
घटनाओं
की
जांच
सीबीआई
से
कराना
ही
बेहतर
है
ताकि
अगर
इनके
पीछे
किसी
तरह
की
साजिश
है
तो
उसका
पर्दाफाश
हो
सके।
इंदौर-पटना
एक्सप्रेस
हादसे
में
150
लोगों
की
मौत
ने
रेलवे
के
सुरक्षा
इंतजामों
पर
सवाल
उठाए
थे।
इस
हादसे
के
बाद
रेल
मंत्री
सुरेश
प्रभु
ने
इसकी
उच्चस्तरीय
जांच
कराने
की
बात
की
थी।
उन्होंने
कहा
था
कि
घटना
की
जांच
में
तकनीक
के
साथ
फोरेंसिक
विश्लेषण
की
भी
मदद
ली
जाएगी।