तो भारत में रची जा रही थी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश!
बर्दवान।
बांग्लादेश
का
आतंकी
संगठन
जमात-उल-मुजाहिद्दीन
बांग्लादेश
या
जिसे
आप
जेएमबी
भी
कह
सकते
हैं,
भारत
की
सरजमीं
का
इस्तेमाल
अपने
उस
मकसद
के
लिए
कर
रहा
है,
जो
अगर
पूरा
हो
जाता,
तो
शायद
अंतराष्ट्रीय
स्तर
पर
भारत
की
प्रतिष्ठा
को
काफी
ठेस
पहुंचती।
तो आवामी लीग से बदला लेना था असल मकसद
जेएमबी जो कि जमात-ए-इस्लामी की आतंकी शाखा है, उसकी नजरें बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, बीएमपी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए आवामी लीग के कई बड़े नेताओं का अपहरण करने की थी।
बर्दवान ब्लास्ट के बाद रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के साथ जो इनपुट साझा किए गए हैं उससे साफ है कि जेएमबी के पास अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए पूरा प्लान भी तैयार था। बांग्लादेश की आवामी लीग पार्टी ने बीएमपी के कई सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज किए हैं।
एनएसए ने लिया हालातों का जायजा
अजित डोवाल जब सोमवार को बर्दवान पहुंचे तो उनके साथ देश की सुरक्षा एजेंसियों के कई बड़े अधिकारी मौजूद थे। इन अधिकारियों के साथ डोवाल ने पूरी स्थिति का जायजा लिया।
डोवाल के बर्दवान दौरे से न सिर्फ पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ा संदेश गया बल्कि बांग्लादेश को भी भारत की ओर से साफ संदेश दे दिया गया है कि वह भारत में मौजूद किसी भी आतंकी नेटवर्क को बर्दाश्त नहीं करेगा।
पश्चिम बंगाल सरकार को इस पूरे प्रकरण के लिए लापरवाह तो माना ही जा रहा साथ ही सरकार ने जिस तरह से इस पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने की कोशिश की है, उसके बाद उस पर खूब उंगलियां उठ रही है।
एनएसए
और
टीम
के
जांचकर्ताओं
को
दिए
गए
निर्देश
- एनएसए ने इस घटना की जांच में शामिल अधिकारियों को इस केस की जांच की अहमियत के बारे में बताया।
- किसी भी तरह से राज्य में आतंकवादियों की गतिविधियों और आतंकी की ऐसी फैक्ट्रियों को बंद करना ही है।
- भारत और बांग्लादेश के बीच साझा इंटेलीजेंस रिपोर्ट के आधार पर तुरंत कार्रवाई करें।
- किसी भी कीमत पर यह मॉड्यूल आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
- जब इस केस की जांच खत्म हो तो जेएमबी का कोई अस्तित्व देश में नहीं होना चाहिए।
- राज्य की पुलिस का सहयोग हर हाल में जरूरी है।
- इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में साफ है कि जेएमबी पश्चिम बंगाल में लोगों की घुसपैठ कराने की कोशिश में है।
- जेएमबी के कई सदस्य काफी आक्रामक हो गए हैं और हो सकता है कि वह किसी बड़े हमले के जरिए बदला लेने की कोशिश करें।
- बांग्लादेश की ओर से भी जेएमबी के इस बर्दवान मॉड्यूल को लेकर चिंता जताई गई है।
- भारत बांग्लादेश के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है।
- भारत की ओर से बांग्लादेश को पूरी जांच का भरोसा दिया गया है।
- भारत ने बांग्लादेश को इस बात का भरोसा भी दिया है कि वह पश्चिम बंगाल में संगठन के 53 मॉड्यूल्स को पूरी तरह से बंद करेगा।
बांग्लादेश पर हमले की तैयारी में जेएमबी
जेएमबी के मॉड्यूल्स ने बांग्लादेश में कई हमलों का प्लान तैयार किया था। इसके लिए संगठन ने बम फैक्ट्रियों की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने जैसे बॉल बेयरिंग, कीलें और अमोनियम नाइट्रेट जैसा सारा सामान हासिल कर लिया था।
यहां तक कि उन्होंने इन हमलों को पूरा करने के लिए एक फिदायीन शाखा का भी गठन कर लिया था। इन फिदायीनों के जरिए वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को निशाना बनाना चाहते थे।
जेएमबी ने बांग्लादेश में कई लोगों का अपहरण कर बीएनपी के सदस्यों की दोबारा वापसी के मकसद के लिए मोलभाव करने का प्लान भी बनाया था।
अलकायदा के साथ जमात
बीएनपी के कई सदस्य अल कायदा के साथ बराबर संपर्क बनाए हुए हैं। आवामी लीग जमात के खिलाफ काफी सख्त है। जमात, बांग्लादेश में एक इस्लामी राज्य की स्थापना करना चाहता है। जमात नियमित तौर पर कई तरह के चरमपंथी संगठनों के साथ अपना संपर्क बनाए हुए है जिसमें अलकायदा भी शामिल है। लेकिन हर बार उनका प्लान बांग्लादेश सरकार की वजह से फेल हो जाता।