फर्जी है मायावती और अखिलेश यादव का साथ आने का पोस्टर
बसपा का अखिलेश के जाने से इनकार, ट्विटर पर जारी किया गया पोस्टर पार्टी का नहीं, बसपा का कोई ट्विटर हैंडल नहीं है
लखनऊ। जिस तरह से ट्विटर पर कथित बसपा के ऑफिशियल हैंडल से एक पोस्टर साझा किया गया, उसके बाद ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के राजनीतिक समीकरण बदलते हुए दिखने लगे थे। पोस्टर में पहली बार अखिलेश यादव और मायावती को साथ दिखाया गया था। यही नहीं इस पोस्टर में ना सिर्फ अखिलेश यादव, बल्कि तमाम विपक्ष के नेताओं को भी दिखाया गया था, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शरद यादव, ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को भी दिखाया गया था। लेकिन इस पोस्टर को बसपा के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा ने सिरे से खारिज कर दिया है।
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सतीश मिश्रा ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का कोई भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल नहीं है और इस ट्विटर हैंडल पर जो पोस्टर साझा किया गया है उसे बसपा की ओर से साझा नहीं किया गया है। ऐसे में जिस तरह से सतीश मिश्रा ने इस पोस्टर को सिरे से खारिज किया है, उसने एक बार फिर से विपक्षी एकजुटता की उम्मीदों पर बड़ा कुठाराघात किया है। इस पोस्टर में लिखा गया था कि सामाजिक न्याय के समर्थन में विपक्ष एक हों।
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जारी
हुए
इस
पोस्ट
के
बाद
बसपा
के
नेता
राम
अचल
राजभर
ने
इस
ट्विटर
हैंडल
बसपा
का
ट्विटर
हैंडल
होने
से
इनकार
कर
दिया
था।
दरअसल
यह
पोस्टर
ऐसे
समय
पर
रीलीज
किया
गया
था,
जब
बिहार
की
राजधानी
पटना
में
27
अगस्त
को
लालू
प्रसाद
यादव
ने
विपक्षी
दलों
की
विशाल
रैली
का
आयोजन
किया
है,
जिसमें
देशभर
के
तमाम
विपक्षी
दल
शिरकत
करने
पहुंच
रहे
है।
यही
नहीं
वलसाड
में
कांग्रेस
ने
भी
एक
बड़ी
रैली
का
आयोजन
किया
गया
है
जोकि
1
सितंबर
को
होने
वाली
है,
जिसमें
मायावती,
अखिलेश
यादव
और
आरजेडी
समेत
कई
विपक्षी
पार्टियों
के
नेता
भाग
लेंगे।