अंग्रेजों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वार क्रिमिनल नहीं घोषित किया था
कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की खुफिया फाइलों के सार्वजनिक होने के बाद एक और सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। दस्तावेज से सामने आया है कि ब्रिटिश सरकार ने कभी भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कभी वार क्रिमिनल नहीं कहा था।
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नेताजी की जो 24 खुफिया फाइलें सार्वजनिक हुई हैं उसमें न्यूयॉर्क मे पर्मानेंट मिशन ऑफ इंडिया व भारत के गृह मंत्रालय के बीच 1999 में आपस में संपर्क स्थापित किया। इसमें इस बात का खुलासा होता है कि यूएन की सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ वॉर क्रिमिनल्स एंड सेक्युरिटी सस्पेक्ट में नेताजी का कोई भी जिक्र नहीं है।
6 अप्रैल 1999 को जो पत्र लिखा गया है उसके फाइल नंबर
91S/11/C/2/2000-PO1 में साफ लिखा है कि CROWCASS की लिस्ट में नेताजी का कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। इतिहासकार अनुज धर का कहना है कि पहली बार अमेरिकी पत्रकार ने नेताजी को वार क्रिमिनल कहकर संबोधित किया था। जिसके बाद अंग्रेजो ने 1945 में नेताजी को वार क्रिमिनल मानना शुरु कर दिया था।
CROWCASS में साफ सभी वार क्रिमिनल का जिक्र किया गया है। इस लिस्ट को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तैयार किया गया था। ऐसे में नेताजी का नाम अगर इस लिस्ट में नहीं है तो अंग्रेजों ने भी उन्हें यह टैग नहीं दिया था।
नेताजी के पड़पोते चंद्र बोस ने इस खुलासे के बाद कहा कि यह खुलासा नेताजी के बारे में चल रही जांच को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। हालांकि उन्होने इन दस्तावेजों को आखिरी दस्तावेज मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि नेताजी के बारे में चल रही खोज अभी अपने पहले चरण में है।