विशाखापट्टनम में ब्रिक्स की मीटिंग, जानिए क्या है मुद्दा
विशाखापट्टनम। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स के कार्यकारी समूह की पहली बैठक भारत में विशाखापट्टनम में सोमवार से शुरू हो रही है। इस बैठक में पांचों देश 'ऊर्जा की बचत और दक्षता' पर चर्चा करेंगे।
यह बैठक 4 और 5 जुलाई 2016 को होगी जिसमें सभी सदस्य देश शामिल होंगे। ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने बैठक में शामिल होने को सुनिश्चित कर दिया है। हालांकि रूस के प्रतिनिधि के आने पर अब भी संशय बरकरार है।
इस दो दिवसीय बैठक में ब्रिक्स देश अपने देश में ऊर्जा की बचत और दक्षता के लिए किए गए उपायों की प्रस्तुति पेश करेंगे। भारत भी अपना ऊर्जा बचत और दक्षता के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों, खासकर औद्योगिक ऊर्जा दक्षता के लिए एईडी स्ट्रीट लाइटिंग और पीएटी (प्रदर्शन उपलब्धि और व्यापार) का प्रदर्शन करेगा।
दुनिया के पांच बड़े उभरते हुए अर्थ व्यवस्थों तथा ब्रिक्स देशो में ऊर्जा विकास के परिदृश्य को देखते हुए ऊर्जा की बचत और दक्षता पर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के विकास के लिए एक कार्य योजना पर विचार किया जाएगा। बैठक के दौरान ऊर्जा की बचत और दक्षता पर एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा जो कार्यकारी समूह के लिए मार्गदर्शन उपकरण के रूप में काम करेगा।
भारत है ब्रिक्स का अध्यक्ष
भारत ने 2016 के ब्रिक्स का अध्यक्ष पद संभाला है। यह ब्रिक्स एजेंडे के संचालन और आकार देने के लिए देश के विभिन्न शहरो में सेक्टर वार सात बैठकें और अन्य गतिविधियों का आयोजन करेगा। इससे विश्व स्तर पर भारत की ब्रैडिंग करने का भी अनुपम उद्देश्य पूरा होगा। ब्रिक्स कार्यकारी समूह की बैठक की मेजबानी बिजली मंत्रालय करेगा और इस दौरान वह 'ऊर्जा की बचत और दक्षता' के क्षेत्र में देश भर में की गई पहलों का प्रदर्शन करेगा।
ब्रिक्स के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक मॉस्को में 20 नवंबर, 2015 को हुई थी। इस बठैक के दौरान मंत्रियों ने 'ऊर्जा की बचत और दक्षता' पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे और शोध तथा तकनीकी परियोजनाओं, तकनीक स्थानांतरण, सम्मेलनों, भाषणों तथा सेमिनारों और अनुभव तथा व्यवहार के माध्यम से ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की थी। ऊर्जा की बचत और दक्षता के लिए समन्वय स्थापित करने के लिए मंत्रियों ने एक कार्यकारी समूह गठन करने का भी निर्णय लिया था।