DU विवाद: बीजेपी सांसद ने दाऊद से की गुरमेहर कौर की तुलना
बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने ट्विटर पर कौर और दाऊद की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, "कम से कम दाऊद ने अपने राष्ट्र-विरोधी रवैये को सही ठहराने के लिए अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया।"
नई दिल्ली। रामजस कॉलेज में हिंसा के खिलाफ सोशल मीडिया में कैंपेन चलाने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की छात्रा गुरमेहर कौर सुर्खियों में हैं। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि गुरमेहर को सोशल मीडिया पर जान से मारने और दुष्कर्म की धमकियां मिल रही हैं। अब इस पूरे मामले में एक नया मोड़ सामने आ गया है। मैसूर से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने गुरमेहर कौर की तुलना दाऊद इब्राहिम से की है।
प्रताप सिम्हा ने शंखनाद की बनाई तस्वीर को ट्वीट करके गुरमेहर कौर की तुलना दाऊद इब्राहिम से की है। इसे लेकर विवाद बढ़ रहा है। बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने ट्विटर पर कौर और दाऊद की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, "कम से कम दाऊद ने अपने राष्ट्र-विरोधी रवैये को सही ठहराने के लिए अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया।" तस्वीर में कौर की तख्ती पर लिखे 'पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, जंग ने मारा' के जवाब में दाऊद के हाथ में थमाई तख्ती में लिखा, "मैंने 1993 में लोगों को नहीं मारा, बमों ने मारा।"
क्या था गुरमेहर का कैंपेन
बीते बुधवार को रामजस कॉलेज के सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को वक्ता के तौर पर बुलाए जाने का एबीवीपी के छात्र विरोध करने पहुंचे थे। विरोध हिंसक होने पर करीब 20 छात्र घायल हो गए थे। उमर खालिद राजद्रोह के मामले में आरोपी हैं। डीयू की छात्रा गुरमेहर ने 140 शब्दों के फेसबुक पोस्ट में पूरे मामले का जिक्र किया था। गुरमेहर का फेसबुक कैंपेने सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। एक लंबे पोस्ट के साथ उन्होंने तख्ती पकड़े हुए अपनी फोटो प्रोफाइल पिक्टर के तौर पर लगाई है। इसे भी पढ़ें- बिना कंडोम सेक्स की जिद करता था पति, पत्नी ने प्राइवेट पार्ट पर लात मारकर दी मौत
तख्ती पर लिखा है कि मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हूं। मैं तंग सोच की सियासी विचारधारा को अपने कैंपस और अधिकारों का अपहरण नहीं करने दूंगी। देश का हर स्टुडेंट मेरे साथ है। देश भर में हजारों छात्रों ने गुरमेहर को फॉलो करते हुए अपनी प्रोफाइल तस्वीर को उनके ही अंदाज में बदला है। आपको बता दें कि गुरमेहर कौर के पिता मंदीप सिंह सेना में कप्तान थे और 1999 में करगिल की लड़ाई में शहीद हो गए थे।