बीजेपी की 'तिरंगा रैली' में 'तिरंगे' का अपमान, ट्रैफिक नियमों की भी उड़ी धज्जियां
लखनऊ। 16 अगस्त से शुरू हुई भारतीय जनता पार्टी की तिरंगा यात्रा में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें सरेआम भाजपा ने नियमों की धज्जियां उड़ाईं। लेकिन उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में सदर विधायक पंकज गुप्ता ने नियमों को तो तोड़ा ही, साथ ही तिरंगे की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई।
जानिए क्या है तिरंगा-यात्रा का 'यूपी कनेक्शन'?
सोशल मीडिया पर शेयर की फोटोज
भाजपा से उन्नाव सदर विधायक पंकज गुप्ता ने सोशल मीडिया पर तिरंगा यात्रा की फोटोज शेयर की हैं। उसमें जिस तरह से हरा झंडा दिखाकर रैली को रवाना किया जाता है उसी तर्ज पर पंकज स्वयं तिरंगे को झुका कर तिरंगा यात्रा को रवाना करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जो कि तिरंगे के अपमान माना जाता है।
'तिरंगे का अपमान'
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के तहत झंडे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जाएगा। उसे कभी पानी में नहीं डुबोया जाएगा और किसी भी तरह नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। यह नियम भारतीय संविधान के लिए भी लागू होता है। प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर ऐक्ट-1971 की धारा-2 के मुताबिक, ध्वज और संविधान के अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त क़ानून हैं। अगर कोई शख़्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो, उसे कपड़ा बना देता हो, मूर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद हुए जवानों के अलावा) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा। तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहन लेना भी ग़लत है। अगर कोई शख़्स कमर के नीचे तिरंगा बनाकर कोई कपड़ा पहनता हो तो यह भी तिरंगे का अपमान है।
ट्रैफिक नियमों की भी उड़ाईं धज्जियां
फोटो में साफ तौर पर ये दिखाई दे रहा है कि तिरंगा यात्रा में शामिल सभी बाईक सवारों ने हेलमेट नहीं लगाया हुआ है। जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन विधायक जिन्हें कि जिम्मेवार माना जाता है वे मुस्कुराकर इस पूरे मामले में सफाई दे रहे हैं।
विधायक ने दी सफाई
इस पूरे मामले में वन इंडिया की ओर से हिमांशु तिवारी आत्मीय ने सदर विधायक पंकज गुप्ता से बातचीत की तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि हम तिरंगे को हिला रहे थे तो हो सकता है कि हिलाने में वो नीचे आ गया हो। और वन इंडिया ने जब नियमों की धज्जियों का मामला उठाया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि हम सबका कर्तव्य है कि कानून और संविधान का अनुपालन करें। लेकिन ऐसे कोई विसंगति हुई तो उसे भविष्य में सुधारा जाएगा। इससे इतर उन्होंने कहा कि हम इसकी सफाई यही दे सकते हैं कि तिरंगा लहराने में शायद वो नीचे आ गया हो।
किस तरह से तिरंगे का अपमान हुआ
बहरहाल इस मामले में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि किस तरह से तिरंगे का अपमान हुआ और उसे हंसते हुए नजरंदाज भी कर दिया गया। सवाल उठता है कि क्या भाजपा की तिरंगा यात्रा का असल मतलब यही था?