भाजपा नेता ने बताया-क्यों ममता बनर्जी ने खो दिया अपना मानसिक संतुलन?
ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद वो अपना कालाधन सफेद नहीं कर पाई। इसके चलते उनका मानसिक संतुलन खो दिया है।
नई दिल्ली। देश में विमुद्रीकरण के फैसले का सबसे ज्यादा और व्यापक स्तर पर जिसने विरोध किया है वो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।
दिल्ली की आजादपुर मंडी से लेकर कोलकाता तक पीएम मोदी को उन्होंने अपने निशाने पर लिया है। आज उन्होंने कोलकाता में बयान देते हुए कहा कि जब तक वो पीएम मोदी को सत्ता से बाहर नहीं कर देती, तब तक वो शांत नहीं बैठेगी। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के नेता सिद्धार्थ नारायण सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक सवैंधानिक पद पर हैं। पीएम मोदी के खिलाफ जिस भाषा का वो प्रयोग कर रही हैं वो उचित नहीं है।
उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद वो अपना कालाधन सफेद नहीं कर पाई। इसके चलते उनका मानसिक संतुलन खो दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को चेतावनी दे चुकी हैं कि नोटबंदी के खिलाफ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगी और कहा कि अगर उच्च मूल्य वाले नोटों का विमुद्रीकरण वापस नहीं लिया जाता है तो वह उन्हें सत्ता से हटा देंगी।
उन्होंने कहा कि पूरा देश पीड़ित है। बैंक, एटीएम में पैसे नहीं हैं। नोटबंदी से हुई दिक्कतों के कारण अभी तक 80 लोगों की जान जा चुकी है। पर पीएम मोदी अभी भी गहरी नींद में सो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर पीएम मोदी के घर के बाहर प्रदर्शन करूंगी और मैं तब तक नहीं रुकूंगी जब तक वह सत्ता से नहीं हट जाते।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 29 नवम्बर को लखनऊ और अगले दिन पटना में नोटबंदी को लेकर सभा करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ में मेरी ज्यादा ताकत नहीं है लेकिन मेरा मानना है कि आम आदमी मेरे साथ है। आपको बताते चलें कि लखनऊ पहुंचने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ममता बनर्जी से मिलने पहुंचे हैं।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने बताया कि क्योंकि ममता बनर्जी उनसे वरिष्ठ नेता हैं। इसलिए वो उनसे मिलने आए हैं।