मणिपुर: इस नेता के बिना बहुमत नहीं जुटा पाती भाजपा
कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होकर भी प्रदेश में बहुमत जुटाने के लिए कोशिश कर रही है लेकिन भाजपा ने दूसरे नंबर की पार्टी होते कांग्रेस से पहले रकार बनाने का दावा पेश किया है।
इंफाल। हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव नतीजें आए हैं। पंजाब में कांग्रेस जबकि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है। मणिपुर और गोवा में किसी को बहुमत नहीं है। दोनों राज्यों में कांग्रेस पहले जबकि भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी रही है लेकिन दोनों ही सूबों में भाजपा ने सरकार बनाने का दावा किया है। मणिपुर में भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए जरूरी संख्या तक पहुंचाने में दिल्ली और मणिपुर के नेता नहीं बल्कि असम के हेमंत बिश्वा शर्मा लगे हैं।
हेमंत बिश्व शर्मा असम में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं। असम की भाजपा की सरकार में वो मंत्री भी हैं। मणिपुर की 60 सीटों में से 28 सीट जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और वो बहुमत से तीन सीट दूर रह गई। भाजपा ने 21 सीटों पर जीत हासिल की है। लेकिन भाजपा ने 32 विधायकों की लिस्ट गर्वनर नजमा हेपतुल्लाह तो सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। विधायकों का समर्थन भाजपा के पक्ष में जुटाने में हेमंत बिश्वा की ही कोशिशों को अहम माना जा रहा है।
प्रदेश
में
निर्दलीय,
एनपीपी,
एलजीपी,
एनपीएफ
और
टीएमसी
के
विधायकों
का
समर्थन
मिलने
का
दावा
भाजपा
ने
किया
है।
हालांकि
कांग्रेस
भी
प्रदेश
में
बहुमत
जुटाने
के
लिए
कोशिश
कर
रही
है
लेकिन
भाजपा
ने
दूसरे
नंबर
की
पार्टी
होते
हुए
भी
दावा
पेश
किया
है।
बताया
जा
रहा
कि
मणिपुर
में
हेमंत
बिश्वा
ने
ही
दिन-रात
एक
कर
भाजपा
के
लिए
समर्थन
जुटाया
है,
नहीं
तो
भाजपा
के
लिए
बहुमत
हासिल
करना
मुश्किल
होता।
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सत्र:
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