मोदी के बयान का असर, भाजपा ने बंद किया 'गौ वंश विकास प्रकोष्ठ'
नई दिल्ली। गौ रक्षकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए गए बयान के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने अपने 6 साल पुराने 'गौ वंश विकास प्रकोष्ठ' को खत्म कर दिया है। दैनिक जीवन में गाय का महत्व समझाने के लिए भाजपा ने इस प्रकोष्ठ की स्थापना की थी। गौ रक्षकों को लेकर हाल के दिनों मे उठे विवाद को लेकर भी भाजपा ने यह फैसला लिया है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गुजरात के ऊना में मृत गाय की खाल निकालने पर दलित युवकों को गाड़ी से बांधकर सरेआम पीटा गया था। इसके बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने भाजपा को निशाने पर लिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को इस मामले में दखल देते हुए कहना पड़ा कि देश में इस समय कई फर्जी गौ-रक्षक बन गए हैं, जो गाय की रक्षा के नाम पर अपनी दुकान चलाते हैं। भाजपा ने ना केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि इस प्रकोष्ठ की उत्तर प्रदेश इकाई को भी बंद करने का फैसला लिया है।
40 से घटाकर किए 17 प्रकोष्ठ
भाजपा के राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कुल मिलाकर अलग-अलग 40 प्रकोष्ठ हैं। गौ वंश विकास प्रकोष्ठ भी इन्हीं प्रकोष्ठों में से एक था। भाजपा के एक नेता ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने इन प्रकोष्ठों को घटाकर 12 करने का फैसला किया है।
इसके अलावा राज्य इकाइयों से स्थानीय जरूरतों और परिस्थितियों के हिसाब से 5 प्रकोष्ठ बनाने के लिए कहा है, लेकिन इन 17 प्रकोष्ठ में गौ वंश विकास प्रकोष्ठ नहीं शामिल होगा।
भाजपा नेता ने बताया कि ये 17 प्रकोष्ठ कानून, चिकित्सा, कॉपरेटिव, आर्थिक, रिटायर्ड लोगों से संबंधित, सांस्कृतिक, शिक्षक, मछुआरों, पंचायत, एनजीओ, वरिष्ठ नागरिक और लघु उद्योगों आदि से जुड़े हुए होंगे।
क्या भविष्य में शुरू होगा गौ प्रकोष्ठ?
गौ वंश विकास प्रकोष्ठ खत्म किए जाने से पहले तक इसके राष्ट्रीय संयोजक हृदय नाथ सिंह ने बताया कि यह प्रकोष्ठ 2015 तक सक्रिय था लेकिन अब केंद्रीय नेतृत्व ने भविष्य में इसे नहीं रखने का फैसला किया है। हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया कि भविष्य में केंद्रीय स्तर पर यह प्रकोष्ठ बनाया जा सकता है।