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जेल में शहाबुद्दीन की वो फोटो तो नहीं बनी पत्रकार राजदेव की हत्या का कारण!

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पटना (मुकुन्द सिंह)। हिंदुस्तान दैनिक के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में अब पूर्णतः सत्ताधारी दल राजद के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन का नाम सामने आने लगा है। पुलिस हत्याकांड मामले की जांच हर बिंदुओं पर बड़ी बारीकी से कर रही है। लेकिन पुलिस जांच में अब तक यह बात सामने नहीं आई है कि पत्रकार राजदेव की हत्या किन कारणों से की गई थी। वहीं पुलिस जांच में एक और मुख्य बिंदु सामने आ रही है और वो ये है कि राजदेव ने बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ एक Exclusive रिपोर्टिंग की थी। अपराध के कारण सिसक रहा बिहार और मंत्री तेज प्रताप कर रहे हैं

Bihar journalist murder
जिससे महागठबंधन सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। पत्रकार राजदेव ने सिवान जेल में बंद बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन की एक ऐसी तस्वीर प्रकाशित की थी जिसमें बिहार सरकार के मंत्री और शहाबुद्दीन एक साथ बैठकर नाश्ता कर रहे थे। वही पत्रकार राजदेव हत्याकांड में पुलिस ने अब तक जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से एक शहाबुद्दीन के बेहद करीबी माने जा रहे हैं।

आपको बताते चलें की पुलिस ने उपेंद्र कुमार नामक एक अपराधी को गिरफ्तार किया है। जिसका बाहुबली नेता शहाबुद्दीन से काफी करीबी रिश्ता हैं। जहां राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन पिछले कई वर्षों से सलाखों के पीछे हैं वही उपेंद्र श्रीकांत भारती हत्याकांड में जेल की हवा खा चुका है।

शहाबुद्दीन के क्लासमेट थे राजदेव

पत्रकार राजदेव और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बीच भी एक करीबी रिश्ता था। वो रिश्ता था दोस्ती का। उल्लेखनीय है कि राजदेव रंजन शहाबुद्दीन के क्लासमेट थे। दोनो ने एस साथ पीजी किया था। जहां शहाबुद्दीन ने सीवान की सामाजिक कमेेस्ट्री को नष्ट कर दिया वहीं उसमेंं सुधार लाने का काम करने मे राजदेव रंजन का काफी महत्वपूर्ण योगदान था।

सूबे के लाखों लोगों के जुबान पर दहशतगर्द के रूप में आता था शहाबुद्दीन का नाम

आपको बताते चले कि फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव शुरू होने को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर सीवान जिले में नए डीएम सीके अनिल और एसपी की पोस्टिंग की गई थी। डीएम सीके अनिल ने जिले की कमान संभालते ही अपने कंफिडेंशियल रूम में कैद हो गये और सिवान मण्डल कारागार के जेल अधीक्षक सभी मुलाकात करते हुए कानून की सारी बारीकियों को दिन भर खंगाल डाला। वही दूसरे दिन ग्यारह फरवरी की रात बाहुबली राजद सांसद शहाबुद्दीन को आदर्श कारा पटना भेज दिया।

यह सब इतनी खामोशी से हुआ कि किसी को भी इसकी जानकारी नहीं हुई। बहरहाल, उसी दिन नये एसपी रत्न संजय ने भी अपनी ज्वाइनिंग दे दी थी। इन दोनो अधिकारियों का जलवा ऐसा ही था जो सीवान की लगभग हर जरूरत पूरी करता रहा और इसका असर यह हुआ 10 फरवरी के पहले तक जिसका नाम जिले के तीस-बत्तीस लाख की आबादी की जुबान पर दहशतगर्द के रूप में आता था उसे बदलने में जरा भी देर नहीं लगी।

विधि-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में और राजद के बाहुबली सांसद मो. शहाबुद्दीन के सारे गुर्गे भूमिगत होते हुए देश के चार कोनो में छिप गय। यह इकबाल था सिवान जिला प्रशासन का।

नीतीश ने कहा था अगर एक डीएम एक जिले को सुधार सकता है तो सीएम कैसे नही

फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव का परिणाम जो भी रहे, मुख्य विशेषता लॉ एण्ड आर्डर थी और लोग राहत की सांस ले रहे थे। फिर सूबे में राष्ट्रपति शासन लग गया। और जब अक्टूबर-नवम्बर में विधानसभा के दुबारा चुनाव हुए तो नीतीश कुमार उस समय एनडीए के घोषित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे।

नीतीश कुमार ने अक्टूबर-नवम्बर के चुनावों के दौरान जिस तरह से सिवान जिला प्रशासन के पराक्रम का इस्तेमाल किया, और सूबे के सभी जिलों में घूमघूम कर सिर्फ एक लाईन कहा-- अगर एक डीएम एक जिले की विधि व्यवस्था सुधार सकता है तो एक सीएम सूबे की विधि व्यवस्था कैसे नही सुधार सकता ? यह किरदार है नीतीश कुमार का। और इस किरदार को अगर सीवान के आईने में देखने की जरूरत पड़ ही गयी तो यकीन मानिये दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा होने में नीतीश कुमार को जरा भी देर नहीं लगेगी।

Comments
English summary
Police have found nothing to indicate Ranjan, 46, had any personal enmity. But, sources said, his “extensive coverage of any news relating to Mohammed Shahabuddin” is being looked into.
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