निर्धन छात्रों को पढ़ाने वाले अभयानंद हो सकते हैं सीबीआई चीफ
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। लंबे समय तक पटना में निर्धन परिवारों के मेधावी छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी कराते रहे बिहार के डीजीपी अभयानंद केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के नए निदेशक हो सकते हैं। उनका नाम भी सीबीआई प्रमुख पद के लिए लिया जा रहा है। वैसे वे अगले महीने रिटायर हो रहे हैं। पर, अगर उन्हें उक्त पद पर नियुक्त किया जाता है तो उन्हें दो साल का एक्सटेंशन मिल जाएगा। सीबीआई प्रमुख को दो साल का कार्यकाल मिलता है। बहरहाल सरकार नए सीबीआई चीफ के नाम की घोषणा अब कभी भी कर सकती है।
कई और भी दौड़ में
इसके साथ ही राजस्थान कैडर के 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी भारद्वाज भी सीबीआई के नए निदेशक हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, भारद्वाज का नाम भी उक्त पद के लिए लिय़ा जा रहा है।
सनद रहे कि मौजूदा निदेशक रणजीत सिन्हा कुछ दिनों के बाद रिटायर हो रहे हैं। सिन्हा पर टू जी घोटाले के कुछ आरोपियों को बचाने के भी आरोप हैं।
महाराष्ट्र से कौन-कौन
महाराष्ट्र के एटीएस प्रमुख केपीएस रघुवंशी, एनआईए प्रमुख शरत कुमार तथा महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी अरुण पटनायक भी सीबीआई निदेशक की दौड़ में शामिल हैं। आईपीएस अधिकारी के रूप में 37 साल के कार्यकाल में भारद्वाज चार जिलों के एसपी तथा होमगार्ड, जेल और एसीबी में डीजीपी रहे हैं। वे अजमेर, कोटा और जयपुर में डीआईजी और एसीबी व क्राइम ब्रांच में आईजी का दायित्व संभाल चुके हैं। वे इंटेलिजेंस और पुलिस मुख्यालय में एडीजी भी रहे हैं।
महत्वपूर्ण है कि लोकपाल कानून के मुताबिक, केंद्र सरकार सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर करेगी, जिसमें विपक्ष के नेता और सीजेआई या सुप्रीम कोर्ट के एक जज को वह सदस्यों के तौर पर नामित करेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते वक्त करोड़ों रुपये के टू जी घोटाला मामले से सिन्हा को अलग कर दिया था। अब देखिए कि सरकार किसे बनाती है सीबीआई प्रमुख।