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गिरिराज सिंह के साथ मेडिकल कॉलेज खोलना चाहता था बच्चा राय!

By मुकुंद सिंह
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पटना। बिहार में टॉपर घोटाले का भांडाफोड़ हुआ तो बच्चा राय पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया। लेकिन जरा सोचिये अगर यह घोटाला नहीं होता, तो क्या होता। तो शायद बिहार में एक मेडिकल कॉलेज बनता, जहां रूबी और सौरभ श्रेष्ठ जैसे लोग डॉक्टर बनते। होम साइंस को खाना बनाने का विज्ञान बताने वाले डॉक्टर जब अस्पताल में इलाज करते, तो मरीज का क्‍या हाल होता, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।

Bachcha Rai

खैर इससे भी बड़ी बात यह है कि यह मेडिकल कॉलेज कोई और नहीं शिक्षा माफिया बच्चा राय बनवाता। और सुनिये बच्‍चा ने मेडिकल कॉलेज बनाने का सपना अकेले नहीं बुना था। इस सपने को बुनने में उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के सांसद गिरिराज सिंह थे।

पढ़ें- टॉपर फैक्ट्री: जानिए कितने लाख रुपए में बनते हैं टॉपर

जी हां पुलिस ने ये फोटो बच्चा राय के घर से बरामद की हैं। फोटो में बच्चा राय सांसद गिरीराज सिंह के साथ देखा जा रहा है। भाजपा शायद यह कहकर पल्ला झाड़ ले कि यह तो महज एक कार्यक्रम की फोटो है, और कार्यक्रम में तो कोई भी आ सकता है। लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो बच्चा राय के गिरिराज के साथ बेहद करीबी संबंध हैं। हालांकि पुलिस ने अधिकारिक रूप से अब तक गिरिराज और बच्चा राय के बीच संबंध होने का खुलासा नहीं किया है।

तेजस्‍वी यादव ने किया वार

जैसे ही बच्‍चा राय और गिरिराज सिंह की तस्‍वीरें सामने आयीं, वैसे ही बिहार के उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव ने ट्वीट किया और भाजपा से पूछा कि अब वो क्‍या करेगी। उन्‍होंने कहा कि गिरिराज सिंह और बच्‍चा राय के बीच पारिवारिक संबंध हैं।

बच्चा राय के साथ और कौन कौन?

टॉपरों की मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली बच्चा राय की फैक्ट्री में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका बिहार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लाल केश्वर प्रसाद सिंह की रही। उनके साथ तीन और लोग- विकास उर्फ डब्लू, विकास कुमार और विवेक हैं। वही घोटाला सामने आने के बाद यह तीनों फरार हैं।

  • डब्ल्यू लालकेश्वर प्रसाद के बड़े बेटे का साला है, जो ग्राहकों को लाने का काम करता था।
  • विवेक उनका एकलौता दमाद है जो सर्टिफिकेट और मार्कशीट छपाई का ठेका लेता था।
  • विकास कुमार बिहार बोर्ड में स्टोरकीपर है, जो लालेकश्वर के लिये लाइनिंग का काम करता।

सूत्रों की अगर मानें तो विकास कुमार बिहार बोर्ड का पुराना स्टॉफ है। और काफी समय से यहां हर तरह की सेटिंग गेटिंग में माहिर है। परीक्षा में कॉपी की सेटिंग करनी हो या अन्य किसी तरह के ठेके या टेंडर की सेटिंग करनी हो इसमें विकास को महारत हासिल है।

पैसे के दम पर फर्स्ट डिवीजन पास

प्राप्त सूचना के अनुसार बड़ी संख्या में लोगों से पैसे लेकर उन्होंने फर्स्ट क्लास दिया है। लाल केश्वर ने जब से अध्यक्ष पद संभाला है तबसे ही डब्ल्यू उनका निजी पीए बना हुआ था। डब्ल्यू ही वह व्यक्ति था, जो किसी सेटिंग किया लेन देन को अंतिम रूप देता था।

Bachcha Rai

इसके बाद वह काम अध्यक्ष की तरफ से ओके किया जाता था ।डब्ल्यू के साथ स्टोर कीपर विकास कुमार खासतौर से सहयोग करता था। विकास की नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर हुई थ, लेकिन उसकी जितनी सैलरी है उससे कहीं ज्यादा महंगा उसका रहन-सहन है। महंगी घड़ी, गाड़ी, ब्रांडेड कपड़े से हमेशा सजे धजे रहने वाले विकास को देखकर को यह नहीं कह सकता कि वह कितने साधारण से पद पर काम करने वाला है।

बच्चा राय को किसने बनाया नकल माफिया

बिहार कॉलेज कड़ीपुर भगवानपुर वैशाली के प्रचार्य डॉक्टर अमित कुमार बच्चा राय को विकास ने ही इस सिस्टम में घुसया था। यानी बच्चा को अध्यक्ष का करीबी बनाने और टॉपर्स घोटाले को अंजाम देने में हम इसने अहम भूमिका निभाई है। सूत्र यह भी बताते हैं कि सर्टिफिकेट और मार्कशीट में अंक चढ़ाने के नाम पर भी बड़े अस्तर पर घपलेबाजी हुई है। मनमर्जी अंक लिख कर मार्कशीट प्रिंट कर दी जाती और उसके बाद इसकी फिर से कॉपी से क्रॉस वेरिफिकेशन नहींकी जाती। आगे पढ़ें- नीतीश के ननिहाल में लगा है ताला?

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English summary
According to Bihar police, education mafia Bachcha Rai wanted to open a Medical College in the partnership of politician Giriraj Singh.
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